राउंड ट्रिपिंग के जरिए दिया धोखाधड़ी को अंजाम अमरीकी जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक के इस घोटाले को राउंड ट्रिपिंग के जरिए अंजाम दिया गया है। आपको बता दें कि राउंड ट्रिपिंग एक एेसा खेल है जिसमें एक ही सामान को बार-बार खरीदा-बेचा दिखाकर अलग-अलग ट्रांजेक्शन दर्शाए जाते हैं। अमरीकी जांच टीम ने 25 अगस्त को अपनी रिपोर्ट फाइल की है। अमरीकी जांचकर्ता जॉन जे कारनी के अनुसार, नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने एक साल में ताबड़तोड़ खरीदारी दिखाकर करीब 4 बिलियन डॉलर का लोन लिया था। इसके लिए नीरव और उसके सहयोगियों ने भारत में करीब 20 फर्जी कंपनियों के जरिए डायमंड और ज्वेलरी का फर्जी आयात दिखाया था।
ये है हीरे की कहानी अमरीकी जांच रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरी धोखाधड़ी में नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने एक पीले-नारंगी रंग के चमकीले होरे को कई बार खरीदा बेचा। सबसे पहले मोदी की अमरीकी कंपनी फायरस्टार डायमंड्स को यह हीरे बेचा गया। इसके बाद फायरस्टार ने इस हीरे को नीरव की शेल कंपनी फैंसी क्रिएशंस को अगस्त 2018 में बेचकर हॉन्ग-कॉन्ग ले जाया गया। इसके करीब 2 सप्ताह बाद नीरव फैमिली की ट्रस्ट की ओर से बनाई गई सोलर एक्सपोर्ट के जरिए खरीदारी कर हीरे को फिर से अमरीका लाया गया। इस प्रकार नीरव की कंपनियों इस हीरे की कई बार खरीदारी की। रिपोर्ट के अनुसार इस हीरे के जरिए 2011 से 2017 के बीच करी 213.8 मिलियन डॉलर का राउंड ट्रिपिंग कारोबार किया गया। इस राउंड ट्रिपिंग के लिए बनाए गए बिलों से पंजाब नेशनल बैंक से शॉर्ट टर्म के लोन लिए गए। इस लोन राशि को नीरव मोदी ने अपनी निजी इस्तेमाल पर खर्च किया।