दुनिया में तेजी से बढ़ रही असमानता
रिपोर्ट के मुताबिक असमानता में आ रही गिरावट प्रवृत्ति 2008 में बदली और इसके बाद से हर साल बढ़ती गई। इसी असमानता का नतीजा है कि दुनिया में करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2000 के बाद दुनिया में करोड़पतियों की संख्या 170 फीसदी बढक़र 3.6 करोड़ हो चुकी है।
भारत की संपत्ति में हुई 451 अरब डॉलर की वृद्धि
भारत की संपत्ति में हुई 451 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। ये वैश्विक आधार पर संपत्ति वृद्धि किसी देश के दर्ज की गई बढ़त में आठवां स्थान है। क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे अधिक अमीर 1 फीसदी लोगों को पास 106 ट्रिल्यन ब्रीटिश पाउंड (90,93,210 अरब रुपए) की संपत्ति है यानी अमरीका की अर्थव्यवस्था का करीब आठ गुना। 10 फीसदी दौलतमंद लोगों के पास दुनिया की 87.8 फीसदी संपत्ति है।
अरबपतियों की संख्या २ लाख के पार
भारत में परिवारों की कुल संपत्ति 5,000 अरब डॉलर है जबकि देश में अरबपतियों की संख्या 2,45,000 है। के्रडिट सुईस की एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 तक देश में अरबपतियों की संख्या 3,72,000 होने की उम्मीद है। जबकि परिवारों की कुल संपत्ति के 7.5 फीसदी वार्षिक दर से बढक़र 7100 अरब डॉलर हो जाने की संभावना है। क्रेडिट सुईस की वैश्विक संपत्ति रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 से भारत में सालाना 9.9 फीसदी की दर से संपत्ति बढ़ी है। ये वैश्विक औसत छह फीसदी से अधिक है। जबकि आबादी बढऩे की दर 2.2 फीसदी वार्षिक रही है।
गरीब आबादी की बढ़ी संपत्ति
दूसरी छोड़ पर दुनिया की आधी गरीब आबादी (3.5 अरब) के पास केवल 2.7 फीसदी संपत्ति है, जोकि 2010 के बाद पिछले साल तेजी से बढ़ा और 280 ट्रिल्यन डॉलर हो गया।