विजयपत सिंघानिया को पद से हटाया
विजयपत सिंघानिया ने अपने बेटे पर आरोप लगाए है कि उन्हें बिना बताए अवकाशप्राप्त चेयरमैन के पद से हटाने में उनके बेटे का हाथ है। दरअसल 7 सितंबर को विजयपत सिंघानिया को एक पत्र मिला था। जिसमें रेमंड के एक डायरेक्टर ने उनसे अवकाशप्राप्त चेयरमैन का टाइटल इस्तेमाल करने से मना किया है। इस पत्र में विजयपत सिंघानिया से कहा गया था कि उनके परिवार में क्या चल रहा है, इससे कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है। बोर्ड ने विजयपत सिंघानिया के व्यवहार के कारण उनसे ये खिताब छीनने का फैसला किया। इस पत्र के मिलने के बाद सिंघानिया ने उस डायरेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि जब तक उन्हें हटाने के बोर्ड के फैसले का सबूत नहीं दिया जाएगा तब तक वो इस आदेश को नहीं मानेगें।
विजयपत सिंघानिया ने बेटे पर लगाए आरोप
कंपनी के इस फैसले को सिंघानिया ने अपने बेटी की चालबाजी बताया है। विजयपत सिंघानिया ने अपने बेटे गौतम पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके बेटे ने उन्हें रोड पर ला दिया है। विजयपत सिंघानिया का यह भी कहना है कि गौतम सिंघानिया ने पद्म भूषण मेडल, पेंटिंग्स और तस्वीरें जैसी उनकी कई बहुमूल्य और असाधारण वस्तुएं उन्हें वापस करने से इनकार कर दिया।
बेटे ने खारिज किए आरोप
इससे पहले भी कई बार विजयपत सिंघानिया अपने बेटे पर संपत्ति छीनने के आरोप लगा चुके हैं। विजयपत सिंघानिया ने इससे पहले कहा था कि उनके बेटे ने उन्हें घर से निकाल दिया है और अब वो एक किराये के मकान में रह रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ विजयपत सिंघानिया के बेटे ने इन आरोपों को गलत बताया है। साथ ही कहा है कि मेरे पिता को याद नहीं है कि उन्होंने ये चीजें कहां रख दीं। मेरे पास उनका कुछ भी नहीं है। मैं ये चीजें रखकर क्या करूंगा? उन्होंने आगे कहा मैं अपने पिता के ऐसे व्यवहार से दुखी हूं।