क्या है पूरा मामला ?
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि टेलिकॉम सेक्टर में पहले से ही एक रेग्युलेटर- टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) मौजूद है, इसलिए सीसीआई यह जांच नहीं कर सकता। बता दें रिलायंस जियो ने सीसीआई में शिकायत दर्ज कराई थी कि पुरानी टेलिकॉम कंपनियां उसे इंटरकनेक्शन पॉइंट्स नहीं दे रही हैं, जो प्रतिस्पर्धा से जुड़े नियमों का उल्लंघन है। सीसीआई ने इसके बाद पुरानी टेलिकॉम कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू की थी, जिसे हाई कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में रोकने का आदेश दिया था। रिलांयस जियो और सीसीआई ने जनवरी में इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
सीसीआई ने बिना सोचे समझे की कार्रवाई
इस मामले की सुनवाई जस्टिस ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच कर रही थी। मामले में बेंच ने कहा कि, ‘हम बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हैं। यह मामला सीसीआई के अधिकार क्षेत्र में तभी आ सकता है, जब ट्राई एक्ट के तहत इस मामले की जांच पूरी हो गई है।’ इसके साथ ही बेंच ने कहा कि, ‘सीसीआई को जांच बंद करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के अंतिम निर्देश को दखलंदाजी नहीं माना जा सकता क्योंकि यह सीसीआई द्वारा ‘बिना सोचे समझे ‘की गई कार्रवाई थी।’