Published: Jun 12, 2018 09:32:46 am
Saurabh Sharma
दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में कोका कोला के 900 प्लांट हैं और इनमें 1,46,200 कर्मचारी काम करते हैं। कोका कोला कंपनी 3900 तरह के पेय पदार्थ बनाती है।
नाॅर्थ काेरिया समेत इन देशों में बैन है कोका-कोला, वजह जानकर पैरों तले जमीन खिसक जाएगी आपकी
नर्इ दिल्ली। जब राहुल गांधी कोका कोला कंपनी के बारे में दिल्ली में बात कर रहे थे, तो यह इत्तेफाक ही है कि उसी दौरान एेसे दो देशों के बीच के राष्ट्राध्यक्षों के बीच वार्ता चल रही थी, जिनका कोका कोला के बीच गहरा संबंध है। जी हां, अमरीका आैर नाॅर्थ कोरिया। जहां अमरीका में कोका कोला का उत्पादन होता है। वहीं नाॅर्थ कोरिया में इस पर बैन लगाया हुआ है। ताज्जुब की बात तो ये है कि कोका कोला कंपनी दुनिया का सबसे बड़ी पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी है जो सैंकड़ों पेय पदार्थ बनाती है। तो आइए जानते हैं नाॅर्थ कोरिया के अलावा किन किन देशों में कोका कोला को बैन किया हुआ है आैर क्यों?
200 देशों में 900 प्लांट
दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में कोका कोला के 900 प्लांट हैं और इनमें 1,46,200 कर्मचारी काम करते हैं। कोका कोला कंपनी 3900 तरह के पेय पदार्थ बनाती है। अगर आप हर रोज एक पीयेंगे तो सभी को चखने में 9 साल लग जाएंगे। हर दिन कोका कोला की 1,900,000,000 से ज्यादा बोतलें पी जाती हैं। इसका मतलब, हम हर सेकंड 21,000 बोतलें घटक रहे है।
आज 12 लाख करोड़ रुपए की है कंपनी
आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो मौजूदा समय में कोका कोला कंपनी का मार्केट कैप करीब 187 बिलियन डाॅलर्स का है। अगर इसे भारतीय रुपए के हिसाब से देखा जाए तो करीब 12 लाख करोड़ रुपए से अधिक बैठ रहा है। जानकारों की मानें तो कोका कोला कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी गैर नशीली पेय पदार्थ कंपनी है। जो सैकड़ों प्राॅक्ट्स बनाती है।
इन दो देशों में बैन है कोका कोला
ताज्जुब की बात तो ये है कि जिस अमरीका में कोका कोला का अविष्कार हुआ है। आज उसी के राष्ट्रपति उस देश के नेता से मिल रहे हैं जहां पर कोका कोला बैन है। जी हां, नाॅर्थ कोरिया में कोका कोला को बैन किया हुआ है। वो भी इसलिए क्योंकि दोनों देशों के बीच काफी समय से व्यापार नहीं चन रहा है। कुछ वर्षों में खबर यह भी आर्इ थी कि नाॅर्थ कोरिया में स्मगलिंग कर कोका कोला बेची जा रही है। दूसरा देश है क्यूबा। इस देश में भी पिछले करीब 60-65 सालों से बैन है। फिडेल कास्त्रो के सत्ता में आने के बाद इस अमरीकी कंपनी के एसेट्स को नुकसान पहुंचाया गया था। जिसके बाद कंपनी ने देश से अपने एसेट्स आैर सामान वापस मंगा लिए थे। तब से कोर्इ व्यापार नहीं हुआ है।