इस नवाचार के तहत स्कूल स्कूल के फ्रंट व्यू व प्रयोगशाला, पुस्तकालय, स्कूल के सभा कक्ष, लहर कक्ष, संस्था प्रधान कक्ष की फोटो अपलोड होगी। इसके अलावा स्कूल में होने वाले सभी तरह की प्रतियोगिताएं व क्रीड़ा प्रतियोगिताएं के फोटो भी लेकर अपलोड किए जाएंगे। जिससे अभिभावक स्कूल में होने वाली गतिविधियों को भी आसानी से जान सकेंगे।
इससे स्कूलों की मरम्मत, आधारभूत ढांचे में सुधार के लिए जारी होने वाली राशि के सही उपयोग की मॉनिटरिंग होगी। गौरतलब है कि इसका सबसे बड़ा फायदा सरकारी स्कूलों की कमजोरियां उजागर हो सकेंगी।
सामने होगी हकीकत सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की हकीकत इस सत्र से आमजन को महज एक क्लिक के जरिए मिल सकेगी। शिक्षा विभाग के कार्यक्रम में जिले की सभी स्कूलों के फोटो शाला दर्पण पोर्टल पर डाले जाएंगे। इसके बाद इन स्कूलों के ऑनलाइन फोटो होने से आंकलन आसानी से किया जा सकेगा।
हर बदलाव होगा दर्ज जिले में 562 सीनियर और सैकंडरी स्कूल व प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्राथमिक शिक्षा के एक उत्कृष्ट विद्यालय आएंगे। स्कूल में हो रहे बदलाव की जानकारी मिलेगी। साथ ही अच्छी स्कूलों को मॉडल स्कूलों के रूप में चिन्हित करने में भी मदद मिलेगी।
इन्हें मिली जिम्मेदारी सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या, शिक्षकों की स्थिति, परिणामों के आंकड़ों को अपडेट करने की प्रक्रिया पहले से चल रही है। डीईओ, ब्लॉक शिक्षाधिकारी, प्रधानाध्यापक की यह जिम्मेदारी रहेगी कि वे नियत समय तक सभी फोटोग्राफ्स अपलोड करवाने की जिम्मेदारी होगी।
60 से ज्यादा नामांकन 60 से ज्यादा नामांकन वाली प्राथमिक स्कूल व सौ से ज्यादा नामांकन वाली मिडिल स्कूल के फोटो अपलोड किए जा रहे हैं। इस सत्र से यह सुविधा एक क्लिक पर मिलने लगेगी।
स्कूलों की वस्तु स्थिति मांगी है, जिसके तहत जिले की ब्लॉकवार काम हो रहा है। इस सत्र से यह सुविधा मिलने लगेग। जगदीश यादव, जिला शिक्षा अधिकारी, प्राथमिक शिक्षा,सीकर