scriptफायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल | foreign companies giving priorities to Indian Languages | Patrika News
टेक्नोलॉजी

फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

इस दौड़ में अमरीका की सिलिकॉन वैली की कई दिग्गज टेक कंपनियां प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। दरअसल भारत के संभावनाओं से भरे बाजार को साधने के लिए इन कंपनियों के लिए हिंदी को समझना और हिंग्लिश को अपनी भाषा सूची में जगह देना अनिवार्य हो गया है। फिलहाल कंपनी के इस स्मार्ट स्पीकर का यह नया संस्करण फर्राटे से हिंदी और हिंग्लिश बोलता है।

Oct 20, 2020 / 09:52 am

Mohmad Imran

फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

बीते कुछ सालों में भारत में इंटरनेट की सुविधा में इजाफा हुआ है। 4जी नेटवर्क के बाद तो देश में इंटरनेट की चाल ही बदल गई। इस डिजिटल क्रांति का लाभ उठाने के मकसद से साल 2017 में एक बड़ी रिटेल कंपनी ने भारत में अपने स्मार्ट स्पीकर उतारे। लेकिन भारतीय भाषाओं में न होने के कारण इनकी पहुंच एक वर्ग तक ही सीमित रही। कंपनी के प्रतिनिधियों ने ग्राहकों की पसंद जानी। अब तीन साल बाद कंपनी नए फीचर और हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ के साथ इसे दीपावली के त्योहारी सीजन में फिर से बाजार में उतारने जा रहा है। कंपनी के स्मार्ट स्पीकर का यह नया संस्करण फर्राटे से हिंदी और हिंग्लिश बोलता है। इतना ही नहीं यह पूछे गए सवाल की भाषा के अनुसार खुद ही हिंदी, अंग्रेजी या दोनों के मिश्रित रूप हिंग्लिश में जवाब देने में भी सक्षम है।
फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

जानी पहचानी भाषा में जवाब
यह वॉयस असिस्टेंट भारतीय उपयोगकर्ताओं को संगीत, समाचार, बॉलीवुड से जुड़ी खबरें, क्रिकेट अपडेट और मौसम की जानकारी हिंदी और हिंग्लिश में देगा। यह ‘बॉलीवुड के हॉटेस्ट गाने सुनाओ, वॉल्यूम बढ़ाओ या लेटेस्ट क्रिकेट स्कोर बताओ जैसे हिंग्लिश में पूछे गए सवालों पर भी तुरंत प्रतिक्रिया देगा। सर्च इंजन मार्केट का 80 फीसदी बाजार अकेले गूगल के पास है।

फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

तीन भाषाओं में बिना सेटिंग बदले जवाब
एआइ विशेषज्ञ रोहित प्रसाद का कहना है कि नए वॉयस असिस्टेंट का एआइ सॉफ्टवेयर विभिन्न क्षेत्रीय लहजे और बोलियों को समझने और बोलने में सक्षम है। इसे आमतौर पर बोले जाने वाले अच्छा और ओके जैसे कॉमन शब्दों के बीच फर्क करना आता है। सेटिंग्स में बदलाव किए बिना भी यह हिंदी, अंग्रेजी और हिंग्लिश में जवाब दे सकता है। एआइ बोले जाने वाले शब्दों का डेटाबेस तैयार कर उसमें सुधार करता है। यह फीचर अन्य कंपनियों के उपकरणों और स्मार्टफोन में भी उपलब्ध होगा।

फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

हॉलीवुड सेलिब्रिटी की भी आवाज
बाजार पर पकड़ मजबूत करने के इरादे से कंपनी ने अपने स्मार्ट स्पीकर्स के लिए हॉलीवुड अभिनेताओं की आवाज में वॉयस स्पीच करवाई है। इसमें मार्वल मूवी अवेंजर्स में निक फ्यूरी का किरदार निभाने वाले अभिनेता सैमुअल एल. जैक्सन ने भी कंपनी के वॉयस असिस्टेंट के लिए अपनी आवाज दी है। इतना ही नहीं इन आवाजों को कंपनी के नए वियरेबल एक्सेसरीज जैसे ईयरबड्स, आई ग्लासेज और रिंग में भी सुना जा सकेगा।

फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

फैक्ट फाइल
-62.7 करोड़ एक्टिव इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं भारत में। वहीं कंपनी के सेलिब्रिटी वॉयस फीचर के लिए यूजर को अलग से 0.99 डॉलर चुकाने होंगे
2021 तक हिंदी भाषी यूजर अंग्रेजी यूजर्स को पछाड़ देंगे। भाषा आधारित इंटरनेट यूजर डेटाबेस कंसल्टेंसी ‘द हिंदी’ के अनुसार

Home / Technology / फायदे के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय भाषाओं को बना रहीं हैं टूल

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो