scriptतो क्या Incognito मोड़ में भी सुरक्षित नहीं है यूजर्स का डाटा? गूगल पर लग सकता है करोड़ों का जुर्माना | Google faces lawsuit for Tracking Users Data in Incognito Mode | Patrika News

तो क्या Incognito मोड़ में भी सुरक्षित नहीं है यूजर्स का डाटा? गूगल पर लग सकता है करोड़ों का जुर्माना

locationनई दिल्लीPublished: Mar 16, 2021 11:15:27 am

Submitted by:

Mahendra Yadav

माना जाता है कि Incognito मोड में इंटरनेट चलाने से ट्रैकिंग से बचा जा सकता है।
अगर गूगल ये केस हार जाता है तो उसे 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 3.6 लाख करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा।

Incognito Mode

Incognito Mode

इंटरनेट चलाते समय बहुत से यूजर्स Google में Incognito मोड का इस्तेमाल करते हैं। माना जाता है कि Incognito मोड में इंटरनेट चलाने से ट्रैकिंग से बचा जा सकता है। हालांकि अब इसी को लेकर गूगल को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। दरअसल, अमरीका के तीन यूजर्स ने गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। उनका कहना है कि गूगल क्रोम ब्राउजर के इनकॉग्निटो मोड में भी यूजर्स का डाटा ट्रैक हो रहा है। अगर गूगल ये केस हार जाता है तो उसे 5 बिलियन डॉलर यानी करीब 3.6 लाख करोड़ रुपए का जुर्माना देना होगा।
यूजर्स का डाटा हो रहा कलेक्ट!
गूगल के खिलाफ शिकायत करने वाले यूजर का आरोप है कि क्रोम ब्राउजर पर प्राइवेट इनकॉग्निटो मोड में गूगल यूजर्स को ट्रैक कर रही है और उनका डाटा भी कलेक्ट कर रही है। ऐसे में गूगल पर यूजर्स का डाटा कलेक्ट करने का आरोप लगा है। बता दें कि गूगल ने कुछ समय पहले कहा था कि वह अपने क्रोम ब्राउजर से थर्ड-पार्टी कुकीज को हटा देगा। इसकी जगह कोई नया सिस्टम लाया जाएगा। बता दें कि कुकीज की मदद से एडवर्टाइज्मेंट प्लेटफॉर्म यूजर्स को ट्रैक करते हैं।
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यह कहना है गूगल का
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में यूएस डिस्ट्रिक्ट जज लूसी कोह ने फैसले में लिखा कि गूगल ने अपने यूजर्स को इस बात की जानकारी नहीं दी कि प्राइवेट ब्राउजिंग मोड में भी कंपनी कथित तौर पर यूजर्स का डाटा कलेक्ट करती है। वहीं गूगल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यूजर्स को समझना चाहिए कि Incognito मोड का मतलब इनविजिबल नहीं होता है। यूजर्स जिन वेबसाइट पर जाते हैं, वे उनकी एक्टिविटी देख सकती हैं।
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क्या है इन्कॉग्नीटो मोड
जब हम गूगल में कुछ सर्च करते हैं तो ब्राउजर यह रिकॉर्ड कर लेता है कि आपने क्या सर्च किया। साथ ही आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री भी इस पर तब तक सेव रहती है, जब तक आप उसे डिलीट नहीं कर देते। वहीं इन्कॉग्निटो मोड को प्राइवेसी मोड या सेफ ब्राउजिंग के तौर पर जाना जाता है। इन्कॉग्निटो मोड में यूजर्स की सर्च हिस्ट्री सेव नहीं होती और न ही ब्राउजिंग हिस्ट्री सेव होती है। इन्कॉग्नीटो मोड विंडो को बंद करते ही सारी सर्च हिस्ट्री डिलीट हो जाती है। इन्कॉग्नीटो मोड की कोई भी एक्टिविटी नॉर्मल मोड में नहीं दिखाई देती। ऐसे में इसे सेफ माना जाता है।
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