गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने होमगार्डों का वेतन सिपाही के बराबर 18 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है। अब होमगार्डों को 18 हजार वेतन के साथ अन्य खर्चे भी दिए जायंगे। कुल 672 रुपया प्रतिदिन उन्हें ड्यूटी का दिया जायेगा। यह बढ़ोत्तरी के बाद शासन पर आर्थिक भार बढ़ गया है। इसीलिए शासन ने 32 फीसदी कुल मिलाकर जिले में 103 होमगार्डों की छंटनी करके हमेशा के लिए ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया है। जिला होम गार्ड कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक डीजी ने शासन को पत्र लिखकर इन 32 फीसदी होमगार्डों को पुनः ड्यूटी दिए जाने की मांग की है। कमांडेंट का कहना है कि जो 32 फीसदी होमगार्ड ड्यूटी से मुक्त किये गए हैं, उनके पैसे से बढ़ाये गए होमगार्डों के पैसों की भरपाई की जा रही है। कमांडेंट ने कहा कि हो सकता है कि सरकार उन्हें फिर से ड्यूटी करने का मौका देने के लिए नया शासनादेश जारी करे। इसके लिए विभागीय अधिकारी प्रयास कर रहे हैं।
वहीं प्रशासन के इस फैसले से तमाम होमगार्डों में चिंता की लकीरे साफ दिखाई दे रही है। उनका कहना है कि शासन के इस फैसले से दशहरा का पर्व फीका हो गया है। ड्यूटी से मुक्त होने से दीपावली भी उनकी फीकी हो जायेगी।