इस योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, किडनी रोग आदि के नि:शुल्क इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जो गरीब एवं असहाय परिवारों के लिये एक वरदान सिद्ध होगा। पब्लिक हेल्थ के क्षेत्र में काफी प्रगति हुयी है, चिकित्सालयों की संख्या एवं गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। फिर भी देश के लगभग 63 प्रतिशत आबादी को बीमारी की अवस्था में अपनी जेब से खर्च करना पड़ता है।
इस महत्वाकांक्षी योजना में उन परिवारों के सभी सदस्य पात्र लाभार्थी होंगे जो वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एसईसीसी) में सूचीबद्ध हैं। उत्तर प्रदेश में एक करोड़ अठ्ठारह लाख परिवार भारत सरकार द्वारा कराये गये सर्वे में चिन्हित किये गये हैं। योजना के अन्तर्गत राज्य में लगभग छ: करोड़ पात्र लाभार्थी होंगे।
योजना के अन्तर्गत निजी एवं सरकारी चिकित्सालय अनुबन्धित किये जा रहे हैं, जिनमें बड़े चिकित्सा संस्थान, चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं मेडिकल कॉलेज भी सम्मिलित हैं। लाभार्थियों की सहायता के लिये प्रत्येक अनुबन्धित चिकित्सालय में प्रधानमंत्री आरोग्य मित्र की तैनाती की गयी है, जो चिकित्सालयों में लाभार्थी की पहचान करने एवं उन्हे भर्ती कराकर नि:शुल्क चिकित्सा उपचार मुहैया कराने में सहायक होंगे। राज्य में योजना का संचालन स्टेट एजेन्सी फॉर कम्प्रीहेन्सिव हेल्थ एण्ड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) द्वारा किया जायेगा।
योजना के संचालन के दौरान सूचना के निरंतर प्रवाह तथा लाभार्थियों की शिकायतों के निराकरण हेतु कॉल सेन्टर की व्यवस्था भी की गयी है। राज्य स्तर पर स्थापित कॉल सेन्टर का टोल-फ्री नम्बर 1800-1800-4444 है। योजना के नेशनल काल सेन्टर का टोल-फ्री नम्बर 14555 है।