उत्तर प्रदेश विधानसभा में अब चार सीट रिक्त हो गई हैं, खाली सीटों पर चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है लेकिन इन पर उपचुनाव करा पाना बहुत ही मुश्किल होगा। फिलहाल बढ़े हुए कोरोना संक्रमण के कारण कम से कम तीन महीना चुनाव होना काफी मुश्किल है। इसके बाद 2022 फरवरी में 18 वीं विधानसभा के लिए आम चुनाव होना है, जिसमें 9 महीने ही बचे हैं। ऐसे में उपचुनाव के आसार काफी कम ही हैं। वैसे नियमानुसार सीट रिक्त होने के छह महीने में ही चुनाव कराने का नियम है। अब चुनाव कराने या न कराने का निर्णय चुनाव आयोग को ही करना है।
दरअसल, बीते 15 दिन में रायबरेली के दल बहादुर कोरी से पहले लखनऊ पश्चिम से भाजपा विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव, औरैया सदर से भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर और बरेली के नवाबगंज से भाजपा के विधायक केसर सिंह गंगवार ने कोरोना संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। यह सभी जिला पंचायत के चुनाव में बेहद सक्रिय थे। रायबरेली के सलोन से भारतीय जनता पार्टी के विधायक और जिले के कद्दावर नेता दल बहादुर कोरी का लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल में निधन हो गया।
23 अप्रैल को एमएलए सुरेश कुमार ने भी तोड़ा दम
लखनऊ पश्चिम से भाजपा के विधायक रहे 76 वर्षीय सुरेश कुमार श्रीवास्तव ने 23 अप्रैल को दम तोड़ा। उनके निधन के तीन दिन बाद ही उनकी पत्नी का भी निधन हो गया। उनका इलाज संजय गांधी पीजीआई में चल रहा था। पति व पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित थे। लखनऊ पश्चिम क्षेत्र के विधायक सुरेश श्रीवास्तव के निधन के तीसरे दिन ही उनकी पत्नी मालती श्रीवास्तव भी नहीं रहीं। भाजपा विधायक सुरेश चंद्र श्रीवास्तव निधन से लगभग 15 दिन पहले कोरोना संक्रमित हुए थे।
रमेश दिवाकर का 23 अप्रैल को हुआ था निधन
औरैया सदर से भाजपा विधायक रमेश दिवाकर मेरठ के मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में रमेश चंद्र दिवाकर को औरैया सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया था। वह क्षेत्र के विकास के लिए लगातार प्रयत्नशील रहने के साथ सहज उपलब्धता और मिलनसार स्वभाव के चलते उनके निधन को लोग क्षेत्र की बड़ी क्षति के रूप में देख रहे हैं। भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर 18 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। हालत ज्यादा खराब होने के कारण उन्हेंं मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जहां पर इलाज के दौरान 23 अप्रैल को उनका निधन हो गया है।
28 अप्रैल को केसर सिंह गंगवार का हुआ था निधन
बरेली के नवाबगंज से भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार 2009 में बसपा से विधान परिषद के लिए चुने गए थे। इसके बाद वह 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए। वह बरेली के नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। कोरोना वायरस से संक्रमित 64 वर्षीय केसर सिंह गंगवार का 28 अप्रैल को नोएडा के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। गंगवार के परिवार में पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटा है।
आठ का कोरोना से निधन
उत्तर प्रदेश में 17 वीं विधानसभा के सदस्य कमल रानी वरुण, घाटमपुर (कानपुर शहर), चेतन चौहान नौगावां सादात, (अमरोहा), जगन प्रसाद गर्ग आगरा सदर(आगरा), जन्मेजय सिंह देवरिया सदर(देवरिया), पारस नाथ यादव मल्हनी (जौनपुर), मथुरा प्रसाद पाल सिकन्दरा (कानपुर देहात),रमेश चंद्र दिवाकर औरैया सदर (औरैया), रामकुमार वर्मा पटेल निघासन (लखीमपुर खीरी) लोकेंद्र सिंह नूरपुर (बिजनौर), वीरेंद्र सिंह सिंह सिरोही बुलंदशहर सदर (बुलंदशहर) सुरेश कुमार श्रीवास्तव लखनऊ पश्चिम (लखनऊ), केसर सिंह गंगवार, नवाबगंज ( बरेली) और दल बहादुर कोरी, सलोन(रायबरेली) अब हमारे बीच नहीं हैं। इनमें से कमल रानी वरुण, चेतन चौहान, जन्मेजय सिंह, पारसनाथ यादव, सुरेश कुमार श्रीवास्तव, केसर सिंह गंगवार, रमेश चंद्र दिवाकर व दल बहादुर कोरी का निधन कोरोना वायरस के संक्रमण से हुआ है। स्वर्गीय कमल रानी वरुण व चेतन चौहान प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। इनमें से नूरपुर के लोकेंद्र सिंह का निधन एक सड़क दुर्घटना में हुआ जबकि वीरेंद्र सिंह सिरोही कैंसर से पीडि़त थे।