रोबोटिक यंत्र की कीमत बहुत कम स्वदेशी स्तर पर विकसित इस रोबोटिक यंत्र की कीमत बहुत कम है। रोबोटिक मोशन फैंटम के जरिए भारतीय चिकित्सकों को जल्द ही कैंसार के मरीज के पेट के ऊपरी हिस्से या वक्ष क्षेत्र में रेडिएशन में मदद करने के लिए फेफड़ों को गति की नकल करने की सुविधा मिल जाएगी। अभी तक पेट के ऊपरी हिस्से या वक्ष क्षेत्रों से जुड़े कैंसर ट्यूमर पर केंद्रित रेडिएशन की डोज देने में श्वांस की गति एक बाधा है। इस गति से कैंसर के उपचार के दौरान रेडिएशन में ट्यूमर से ज्यादा बड़े क्षेत्र पर असर पड़ता है। जिससे ट्यूमर के आसपास के ऊतक प्रभावित होते हैं। इस यंत्र के जरिए किसी भी मरीज के फेफड़ों की गति को नियंत्रित कर और उस पर नजर रखकर केंद्रित रेडिएशन को उसको मुताबिक किया जा सकेगा। इस रोबोट पर इस तरह के प्रयोग कर फिर मरीज पर वही प्रक्रिया दोहरायी जा सकेगी।
फेफड़े के कैंसर का इलाज होगा आसान आइआइटी के प्रोफेसर आशीष दत्ता और एसजीपीजीआइ के प्रोफेसर केजे मारियादास के अनुसार फेफड़े के कैंसर के उपचार में यह रोबोट मील का पत्थर साबित होगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार इस तकनीक के आधार पर जल्द ही उपकरण का विकास करेगी। भारत में इस तरह की अनूठी तकनीक का इजाद पहली बार हुआ है। इससे पूरे विश्व की मानवता को फायदा पहुंचेगा। अब कैंसर रोगियों में फोकस्ड रेडिएशन देना संभव हो जाएगा।