मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। ऊपरी क्षेत्रों में स्थित बांधों व जलाशयों से पानी छोड़े जाने की लगातार जानकारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को तटबंधों का नियमित निरीक्षण करने को कहा गया है। उन्होंने दावा किया कि अमूमन सभी तटबंध सुरक्षित हैं। एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की सात टीमें तैनाती की गयी हैं। कुल 644 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य भी जारी है। बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्दान्न किट वितरण किए गए हैं।
प्रदेश में 735 चौकी स्थापित राहत आयुक्त संजय गोयल ने बताया कि बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 300 शरणालय व 735 चौकी स्थापित की गयी है। प्रदेश के 16 जिलों अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, देवरिया, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 517 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला लखीमपुरखीरी, सरयू (घाघरा) नदी, तुर्तीपार बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। प्रदेश में 200 पशु शिविर स्थापित हैं। 6,17,920 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।
262 मेडिकल टीमें लगाई गईं बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर जानकारी दी गई। सीएम ऑफिस ने ट्वीट किया, ‘बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में मुख्यमंत्री के निर्देश पर 262 मेडिकल टीमें लगाई गई हैं। इसके अलावा 735 बाढ़ चौकियां और 300 बाढ़ शेल्टर तैयार किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आम लोगों के भरण-पोषण हेतु अब तक कुल 51,403 खाद्यान्न किट वितरित की गई हैं।’
एक अन्य ट्वीट में बताया गया है कि प्रदेश के सभी तटबंध सुरक्षित हैं। प्रदेश में बाढ़ को लेकर लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिए बचाव और राहत प्रबन्धन को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं।