फाइलों को जांच अधिकारी का इंतजार
ईओडब्ल्यू के पास 700 फाइलें लंबित हैं। जांच शाखा में जांच अधिकारियों और दर्ज केस के अनुपात में जमीन आसमान का अंतर हैं। विभाग में 30 इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर रैंक के जांच अधिकारी हैं। यानी एक जांच अधिकारी पर करीब 23 फाइलों का बोझ है। यह स्थिति पिछले 40 सालों से बरकरार है।
केस दर्ज करने का हक नहीं
ईओडब्ल्यू यूपी में होने वाले संगठित आर्थिक अपराधों पर रोकथाम का काम करती है। लेकिन यह खुद अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच नहीं कर सकती। जबकि दिल्ली, मुबंई जैसे राज्यों में ईओडब्ल्यू शाखा का अपना थाना होता है। जहां वह खुद अपराधी के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच करती है। लेकिन, यूपी ईओडब्ल्यू में व्यक्ति संबंधित व अपराध स्थल संबंधित लोकल थाने में जाकर केस दर्ज कराता है। इसके बाद अपराधिक जांच शुरू होती है।
संगठित आर्थिक अपराध के आंकड़े
2014 – 70 मामले।
2015 – 95 मामले।
2016 – 100 मामले।
2017 – 65 मामले (अब तक) ।
2017 में तेजी से बढ़ रहे मामले
पिछले कुछ सालों में आर्थिक अपराध के जांच के मामलों में गंभीरता नहीं दिखायी जाती थी, लेकिन वर्तमान सरकार में आर्थिक अपराध और अपराधियों पर स ती की जा रही है। इसके चलते अब आर्थिक अपराध के मामले बड़ी संख्या में दर्ज किए जा रहे हैं। एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक अभी इसमें और बढ़ोतरी होगी। क्योंकि वर्तमान सरकार पुरानी फाइलें निस्तारित करने पर जोर दे रही है।
चार थाने और तीन सेक्टर बढ़ने की उम्मीद
एडीजी ईओडब्ल्यू आलोक प्रसाद ने बताया कि अगर डीजीपी व शासन को भेजे गए प्रस्ताव को मंजूर कर लिया जाता है, तो ईओडब्ल्यू में काफी बदलाव देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि ईओडब्ल्यू लखनऊ, मेरठ, कानपुर और बनारस सेक्टर में बटा हुआ है। इन सभी सेक्टरों में ईओडब्ल्यू के चार थाने बनाने व तीन नए सेक्टर और बनाने की भी मांग शामिल है। नए सेक्टर गोरखपुर, आगरा व बरेली में प्रस्तावित हैं।
स्पेशल कोर्ट और इंफ्रास्ट्रकर में सुधार
आलोक प्रसाद ने बताया कि जांच अधिकारियों की कमी और इंफ्रास्ट्रकर के संबंध में शासन व डीजीपी को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें ईडब्ल्यूओ का स्पेशल कोर्ट और थाना बनाने की मांग की गई है। मौजूदा जांच अधिकारियों के अतिरिक्त 60 और जांच अधिकारी देने का प्रस्ताव रखा गया है। फिलहाल ईडब्ल्यूओ पर सात से आठ गुना कार्यभार बढ़ गया है, लेकिन मैनपावर पूर्व की तरह ही है।