डोर टू डोर सर्वे पर जोर पिछड़ी जातियों का निर्धारण व प्रकाशन नियमावली 1994 में 2015 में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के अनुरूप पिछड़ी जातियों का नए सिरे से निर्धारण करने के लिए डोर टू डोर सर्वे कराने पर जोर दिया गया है। इसके बाद पंचायतों के आरक्षण का काम शुरू होगा। आरक्षण का कार्य 17 मार्च तक पूरा करने की उम्मीद जताई गई है। कोर्ट ने 30 अप्रैल तक प्रत्यक्ष चुनाव और 15 मई तक अप्रत्यक्ष चुनावों की प्रक्रिया पूरी कर लेने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पंचायतों के आरक्षण का काम 17 मार्च तक हर हाल में पूरा कर लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने साफ किया है कि इसके अतिरिक्त चुनाव कराने के लिए और समय नहीं दिया जाएगा क्योंकि पहले ही सरकार और आयोग को पर्याप्त समय दिया जा चुका है।