प्रदेश में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के दूसरे चरण में छोटे शहरों में एयरपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। इनमें अलीगढ़, आजमगढ़, चित्रकूट, झांसी, मुरादाबाद, सोनभद्र और श्रावस्ती में एयरपोर्ट बनेंगे। यहां पर प्रदेश सरकार की पहले से हवाई पट्टियां हैं। इसके अलावा बरेली व इलाहाबाद में वायुसेना के हवाई अड्डे हैं। इनमें अब सिविल एन्क्लेव बनाया जा रहा है। कानपुर व आगरा में भी वायुसेना के एयरपोर्ट हैं। इनका चयन रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के पहले ही चरण में हो चुका है। इसलिए यहां से तो घरेलू उड़ानें भी शुरू हो चुकी हैं।
यह जानकारी नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने दी। उन्होंने बताया कि योजना के दूसरे दौर की बिडिंग में 22 हवाई मार्गों का चयन हुआ है। इसमें तेजी से काम हो रहा है। स्पाइस जेट ने हाल ही में पांच नए मार्गों पर हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की है। साथ ही गोरखपुर से नेपाल के लिए भी सीधी विमान सेवा शुरू की जाएगी। मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने 25 एयरपोर्ट को मंजूरी प्रदान की थी। इसमें सबसे ज्यादा नौ एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगे। कहा कि प्रत्येक मंडल मुख्यालय को हवाई मार्ग से राजधानी से जोडऩे का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सूबे के मुख्य शहरों को मंडल मुख्यालयों और देश के बड़े शहरों को हवाई उड़ान सेवा से जोडऩे की दिशा में काम किया जा रहा है।