वरिष्ठ वैज्ञानिक यस.सी बारमन ने रिहायशी इलाकों के बढ़ते प्रदूषण को चिंताजनक बताया है। उन्होंने प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए निर्माण में बढ़ोतरी और वाहन प्रदूषण के अलावा खराब सडक़ों और खुले में कचरे को जलाने को जिम्मेदार माना है।
आईआईटीआर के निदेशक आलोक धवन कहते हैं कि इस रिपोर्ट से यह साफ पता चलता है कि पूरा शहर गंभीर प्रदूषण की चपेट में है। रिहायशी इलाकों में पीएम 10 और 2.5 की मात्रा इंदिरानगर के बाद विकासनगर, अलीगंज और गोमतीनगर में ज्यादा पायी गयी है। वही कॉमर्शियल इलाकों में पीएम 10 की मात्रा आलमबाग में सबसे ज्यादा है।
रिपोर्ट में सितंबर और अक्टूबर में अलीगंज को दिन में सबसे ज्यादा शोर वाला रिहायशी इलाका बताया गया है। इस दौरान यहां शोर 79.9 डेसिबल था। इसके बाद गोमतीनगर, इंदिरानगर और विकासनगर सबसे ज्यादा शोर वाले इलाकों के रूप में चिन्हित किये गए हैं। यहां शोर क्रमश: 71.5,70.9,66.3 डेसिबल है। कॉमर्शियल इलाकों में अमीनाबाद सबसे ज्यादा शोर वाला इलाका है। जबकि, इसके बाद चारबाग,चौक और आलमबाग सबसे ज्यादा शोर वाले इलाके हैं। रात के समय रिहायशी इलाकों में इंदिरानगर सबसे ज़्यादा ध्वनि प्रदूषण से युक्त है। यहां ध्वनि की मात्रा रात में 60.3 डेसिबल रिकॉर्ड की गयी थी। इसके बाद अलीगंज, विकासनगर और गोमतीनगर में ध्वनि प्रदूषण की मात्रा 50 डेसिबल से अधिक थी। वही कॉमर्शियल इलाकों में रात के समय चौक में सबसे ज्यादा शोर होता है। यहां रात के समय शोर 72.5 डेसिबल तक नोट किया गया।