उन्होंने कहा कि हम समाजवादियों ने पहले ही कहा था, अगर टेक्नोलॉजी में सबसे कोई सुपीरियर देश है तो जापान। वह साइंस में हर क्षेत्र में आगे है। आखिर जापान जैसे देश ईवीएम जैसी मशीनों को अपने देश में प्रयोग क्यों नहीं करते। यह सबसे बड़ा सवाल है। यह सवाल 130 करोड़ लोगों में जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ईवीएम पर जब जापान को भरोसा नहीं है तो हम लोग कैसे कर लें। वहीं ईवीएम को हैक करने की बहस के बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने चुनाव आयोग से 2019 के लोकसभा चुनाव बैलट पेपर से कराने की मांग की है। कहा कि 2019 के आम चुनाव बैलट पेपर से ही करवाया जाए। मायावती का कहना है कि लोकतंत्र के व्यापक हित के मद्देनजर ईवीएम हैकिंग के मुद्दे पर ध्यान देना जरूरी है। जिससे कि यह बड़ा मामला जल्द ही हल किया जा सके। उन्होंने कहा कि मतपत्र, यानी बैलट पेपर की वैधता को जांचना मुमकिन है, लेकिन ईवीएम के मामले में यह मुमकिन नहीं है।
राजबब्बर ने कहा, ईवीएम की जांच हो
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने ाी ईवीएम पर हमला बोला है। उनहोंने ईवीएम हैकिंग के सवाल पर कहा कि कांग्रेस शुरू से ही ईवीएम पर सवाल उठाती आई है। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि इसकी जांच हो। अब लोकसभा चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में भाजपा विरोधी पार्टियां अब ईवीएम को लेकर फिर से सवाल उठाने लगी हैं।
इन देशों में है ईवीएम पर रोक
जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, अमेरिका में ईवीएम से वोट नहीं पड़ते हैं। कोर्ट ने जर्मनी में ईवीएम के प्रयोग को असंवैधानिक करार दिया है। आयरलैंड में भी ईवीएम से चुनाव नहीं होते हैं। ब्रिटेन में 2016 में वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। फ्रांस, इटली में भी बैलेट पेपर से ही चुनाव होता है। अमेरिका के कुछ राज्यों में ईवीएम, राष्ट्रीय चुनाव बैलेट पेपर से होता है। हालांकि, ब्राज़ील, वेनेजुएला, एस्टोनिया जैसे दो दर्जन से अधिक देशों में ईवीएम से चुनाव कराये जाते हैं।