उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अखिलेश यादव के सरकारी आवास में तोड़-फोड़ प्रकरण में कानूनी कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद अनुचित और गंभीर मामला है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले राज्य संपत्ति के कोटे से आवंटित किये गये हैं। इनका रख-रखाव जनता के पैसों से होता है। इसलिये राज्य सम्पत्ति को क्षति पहुंचाये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विधि अनुसार समुचित कार्रवाई की जाये।
बुधवार को अखिलेश यादव प्रेसवार्ता में टोटी लेकर पहुंचे। बंगले में तोड़फोड़ पर अखिलेश यादव ने कहा कि यहां सरकार का कुछ भी नहीं टूटा है, मैंने सब अपने पैसों से खरीदा था। बंगला अपनी पसंद से बनवाया था। अपने पैसों से ख्वाइशें पूरी करता हूं, किसी दूसरे के पैसों से नहीं। उन्होंने कहा कि बंगले को लेकर जो आरोप लग रहे हैं वे सभी झूठे हैं। मेरे घर में स्विमिंग पूल था ही नहीं। घर के एक डैमेज भाग की कर मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है। बंगले में वुडेन फ्लोरिंग, मंदिर समेत आज भी कई चीजें मौजूद हैं।
अखिलेश ने बंगले में तोड़फोड़ पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैंने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ओएसडी को दिखाने के बाद ही बंगला सौंपा था। उस वक्त ओएसडी अभिषेक और आईएएस अफसर मृत्युंजय नारायण वहां गए थे। अधिकारियों ने रिकॉर्डिंग भी की थी, फिर बंगले में तोड़फोड़ किसने की? उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के इशारे पर ही सारी साजिश रची गई। अधिकारियों पर हमला बोलते हुए कहा कि जो अधिकारी टोटी ढूंढ कर ला सकते हैं, वह कल चिलम ढूंढ कर भी ला सकते हैं।
राज्य संपत्ति विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अखिलेश यादव के बंगले के निर्माण के लिये राज्य संपत्ति विभाग के मद से केवल 1.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये थे। इसमें से कुल विभागीय खर्च का अनुमान 89.99 लाख रुपये ही है, शेष 81 लाख रुपये 31 मार्च से पहले खर्च न किये जाने जाने की वजह से लैप्स हो गये थे। अखिलेश यादव के बंगले पर राजस्व, सिंचाई विभाग के साथ निजी तौर पर कितना पैसा खर्च किया गया? लोक निर्माण विभाग के आर्किटेक्ट और इंजीनियर्स की मदद से पता लगाया जाएगा।
यूपी के कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राज्यपाल के पत्र का सम्मान करने का दायित्व सरकार का दायित्व है। जांच के बाद सारी चीजें सामने आ जायेंगी। उन्होंने अखिलेश यादव से सवाल पूछते हुए कहा कि आप उस घर के मालिक हैं। आपने दीवार क्यों तोड़ी, वह जनता को बतायें। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव कह रहे हैं कि उन्होंने अपने पैसे से बंगले की सजावट की थी। ऐसे में इनकम टैक्स को देखना चाहिए कि उनके पास इतना पैसा कहां से आया। अखिलेश यादव बतायें कि उन्होंने बंगले में कितना पैसा लगाया? पैसों का हिसाब आयकर विभाग को दें। उन्होंने कहा कि बंगला खाली करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट का था। कोर्ट की इज्जत सबको करनी चाहिए।