सपा अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से व्यापार को नुकसान हुआ है। समाजवादी सरकार में दिये लैपटाॅप आज भी काम आ रहे हैं। बाबा मुख्यमंत्री खुद लैपटाॅप चलाना नहीं जानते इसलिए किसी को देना नहीं चाहते। अगर काम पर वोट नहीं मिला तो लोग जाति-धर्म की राजनीति ही करने लगेंगे। तरक्की और खुशहाली लानी है तो महागठबंधन के पक्ष में मतदान करना होगा।
ये भी पढ़ें- पिता मुलायम के पीएम पद की दावेदारी पर अखिलेश यादव ने कहा- वह संभवतः इसकी दौड़ में शामिल… लखनऊ से भी इतिहास बनाया जा सकता हैं- अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ से भी इतिहास बनाया जा सकता हैं। भाजपा के लोग 2014 में सत्ता में आये थे। केन्द्र की सरकार के पांच वर्ष और राज्य सरकार के दो वर्ष के हिसाब-किताब लेने का यही मौका है। भाजपा के पास गिनाने को कोई काम नहीं है। लखनऊ में जितने सांप हैं, उतना पूरे देश के किसी प्रदेश की राजधानी में नहीं हैं।
अगर इस बार काम पर वोट नहीं मिला तो हम भी काम नहीं करेंगे- अखिलेश ने आगे कहा कि देश अब नया प्रधानमंत्री चाहता है। तभी नए भारत का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि अगर इस बार काम पर वोट नहीं मिला तो हम भी काम नहीं करेंगे। काम भूल जाएंगे। हम भी जाति गिनेंगे, धर्म गिनेंगे और जाति पर ही वोट मांगेंगे।
विधानसभा चुनाव में हम जनता को समझाते रहे और भाजपा उन्हें बहकाती रही- सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने पुराने लखनऊ के विकास के लिये इतिहास का पन्ना पलटा। घंटाघर और आस-पास के क्षेत्र को समाजवादी लोगों ने सुन्दर बनाया। यहां उजाला कर दिया गया। लखनऊ मेट्रो में दस हजार इंजीनियरों को काम मिला। गोमती रिवरफ्रंट से लखनऊ में नदी का किनारा सुन्दर हो गया। कई वर्षों से बंद पड़े क्रिकेट मैच फिर से शुरूआत समाजवादियों द्वारा बनवाये गये स्टेडियम में हुई। देश की सबसे बड़ी कम्पनी एच.सी.एल. को लखनऊ में लाने का काम समाजवादियों ने ही किया। यादव ने कहा कि भाजपा से सावधान रहना होगा। विधानसभा चुनाव में हम जनता को समझाते रहे और भाजपा उन्हें बहकाती रही।