कई अन्य नेताओं पर भी हो सकती है कार्रवाई इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष मजहारूलहक उर्फ मुन्ना दरोगा और लखीमपुर जिला कार्यकारिणी की अध्यक्ष अनुराग पटेल सहित उनके विधानसभा क्षेत्रों की कार्यकारिणी, जिला प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है। अखिलेश यादव द्वारा की गई इस कड़ी कार्रवाई के बाद नेताओं में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों की मानें तो अभी और कई जिलों के नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है। इसकी सूची तैयार की जा रही है। सूत्रों की मानें तो नगर निकाय चुनाव में मिली करारी हार से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव काफी नाराज हैं। वह उन सभी नेताओं पर कार्रवाई के मुड में हैं, जिन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के विरुद्ध जाकर चुनाव लड़ा और दूसरे प्रत्याशियों का समर्थन किया।
खुद के गढ़ में ही हार का देखना पड़ा मुंह मालूम हो कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में इस बार समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले इटावा और उसके आस-पास के इलाकों में पार्टी को मुंह की खानी पड़ी है। इटावा में तीन नगर पालिका और तीन नगर पंचायतों में से महज दो पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है। इसके अलावा जसवंत नगर नगरपालिका से चेयरमैन का चुनाव शिवपाल सिंह यादव के कऱीबी सुनील जॉली ने जीता। सुनील जॉली को समाजवादी पार्टी ने टिकट नहीं दिया था, इसलिए उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ा और जीत। बतातें चलें कि जॉली को शिवपाल का समर्थन प्राप्त था। इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के गढ़ कहे जाने वाले कन्नौज से भी पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा। फिरोजाबाद मेयर चुनाव में तो एआईएमआईएम ने सपा से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे पार्टी अध्यक्ष नाराज हैं। मालूम हो कि प्रदेश के 16 नगर निगमों से एक भी समाजवादी पार्टी सीट नहीं जीत सकी। जबकि, उसने सभी 16 नगर निगमों में प्रत्याशी उतारे थे। वहीं, सपा ने प्रदेश की नगर पालिका की 48 सीटें और नगर पंचायत की सिर्फ 83 सीटों पर जीत दर्ज कराया।