आरएसएस पर हमलावर दिखे अखिलेश- अखिलेश यादव ने पहले ही संघ पर अपने बेबाक बयान देकर उसपर हमला कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने भाजपा सरकार पर संघ को संरक्षण देने व पोषित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार में संघ कार्यकर्ताअों को सरकारी धन से पोषित व संरक्षित करने का खेल शुरू हो गया है। उन्होंने कहा था कि एक सुनियोजित तरीके के तहत राज्य सरकार संघ कार्यकर्ताओं को लोक कल्याण मित्र के पदों पर समायोजित करना चाहती है, जिनका काम जनता तक भाजपा सरकार की कथित उपलब्धियों को पहुंचाना होगा। अखिलेश ने इन्हें भाजपा-संघ की चुनावी मशीनरी के अंग भी बताया था।
आज फिर किया हमला- एक कार्यक्रम में पहुंचे अखिलेश यादव ने आरएसएस के बुलावे पर न सिर्फ उसमें न जाने की बात कही बल्कि उसकी स्पष्ट वजह भी बताई। उन्होंने कहा कि मुझे आरएसएस के बारे में ज्यादा ज्ञान नहीं है। मैंने केवल सरदार पटेल द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पढ़ा है जिसके बाद मेरे पास उस बैठक में भाग लेने का साहस नहीं हो रहा। उन्होंने आगे कहा कि मैं इस बात पर हमेशा जोर देता हूं कि उन मामलों के बारे में सभी को कम से कम पढ़ना चाहिए, जिसे सरदार पटेल ने प्रतिबंधित किया था। उन्होंने जो कुछ भी लिखा यह सुनिश्चित करेगा कि उन्होंने जो कुछ भी उस समय कहा था, आज भी वैसी ही स्थिति बनी हुई है।
मायावती करेंगी शिरकत? अखिलेश के इस बयान के बाद अब प्रश्न यह भी है कि क्या बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘भविष्य का भारत : आरएसएस का दृष्टिकोण’ पर तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला आयोजन में शामिल होंगी। आरएसस ने अखिलेश के साथ-साथ मायावती को भी निमंत्रण भेजा है। हां, राहुल गांधी को इसका न्योता नहीं दिया गया है।