राजधानी में पहली बार सम्मेद शिखर की विशाल झांकी राजधानी में प्रथम बार मुनि विशोक सागर महाराज के आदेश पर 24 भगवान की आदिनाथ भगवान से लेकर महावीर स्वामी तक, गौतम गणधर की टोक, जल मंदिर, चोपड़ा कुंड समेत 27 मन्दिर की रचना की गई है। झांकी की शुरुआत मन्दिर प्रांगण में बने मानस स्थल से लेकर मंदिर के शिखर तक पहाड़ के रूप में दर्शाई गई है। इस झांकी को लेकर पूरे अवध में उत्साह की लहर है।
झांकी 108 फुट ऊंची और 60 फुट चैड़ी सम्मेद शिखर की विशाल झांकी तैयार की गई है। पहाड़ के रुप में तैयार झांकी को देश के क्षेत्रों से करीब 50 कारीगरों ने तैयार किया है। इस शिखर में झारखंड राज्य के गिरीडीह जिले में बने शिखर जो विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल है। उसे कारीगरों ने बनाने का प्रयास किया है। झांकी में 27 मन्दिर भी बनाये गये है। सम्मेद शिखर के रूप में चर्चित इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति किया। यहीं 23 वें तीर्थकर भगवान पाश्र्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। पहाड पर बने शिखर झारखंड का सबसे ऊंचा स्थान है। संयोजक संजीव जैन ने बताया कि झांकी के दर्शन 15 अगस्त तक होंगे।