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लखनऊ

लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए सरकार के सभी प्रयास विफल, हड़ताल रोकने पर वापस हो सकती है विभागीय कार्रवाई

– लेखपाल संघ अपनी मांग पर अड़ा- हड़ताल के चलते फंसे लाखों प्रमाण पत्र – सर्विस ब्रेक नोटिस के बाद भी धरना जारी

लखनऊDec 27, 2019 / 04:05 pm

Neeraj Patel

लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए सरकार के सभी प्रयास विफल, हड़ताल रोकने पर वापस हो सकती है विभागीय कार्रवाई

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में की दिनों से लेखपालों की हड़ताल जारी है। लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए सरकार ने लेखपाल संघ के पदाधिकारियों को निलंबित करने से लेकर बर्खास्त करने तक के सभी प्रयास कर लिये लेकिन लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए सरकार के सभी प्रयास विफल हो गए। सरकार के कई प्रयासों के बाद भी लेखपालों की हड़ताल खत्म नहीं हुई। लेखपालों की हड़ताल को लेकर राजस्व परिषद और लेखपाल संघ आमने-सामने हो गए हैं। राजस्व परिषद ने बीते दो वर्ष में लेखपालों को दी गई सुविधाओं और लाभों की सूची जारी करते हुए प्रदेश के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को स्थानीय स्तर पर लेखपालों से बात कर हड़ताल समाप्त कराने के लिए पत्र लिखा है। उधर, लेखपाल संघ का आरोप है कि परिषद के अधिकारी प्रदेश स्तर पर संघ के पदाधिकारियों से बातचीत कर समस्या समाधान निकालने की जगह लेखपालों में फूट डालने की कोशिश की जा रही है।

सरकार का कहना है कि लेखपाल अगर हड़ताल खत्म कर दें तो जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है उसे वापस लेने पर विचार किया जा सकता है और कोई शर्त भी नहीं रखी जाएगी। लेखपाल भी प्रशासन के ही परिवार के सदस्य हैं, उनकी हड़ताल से जनता का काम प्रभावित हो रहा है, इसलिए जनहित को देखते हुए उन्हें हड़ताल समाप्त कर देनी चाहिए। इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए अब राजस्व परिषद ने मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। जब लेखपाल संघ से बात की गई तो इस पर लेखपाल संघ का कहना है कि सरकार के स्तर पर जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक लेखपाल संघ हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। लेखपाल संघ ने राजस्व परिषद की ओर से जारी सूची में बताई गई हर सुविधा और लाभ की हकीकत लेखपालों को बताई गई है।

सर्विस ब्रेक नोटिस के बाद भी धरना जारी

प्रदेश में भरी ठंड में भी लेखपालों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है। यहां तक कि लेखपालों के ऊपर वहीं प्रशासन की कठोर कार्रवाई भी उनके मंसूबों को हिला नहीं पाई। कई जिलों में लेखपालों की हड़ताल खत्म कराने के लिए प्रशासन की सभी कोशिशें नाकाम रही। प्रशासन ने अध्यक्षों समेत कई लेखपालों को सस्पेंड तक कर दिया और हजारों लेखपालों को सर्विस ब्रेक का नोटिस भी प्रशासन की ओर से भेजा गया और यही नहीं प्रशासन ने धरना दे रहे लेखपालों की गिरफ्तारी तक की लेकिन इन सबके बावजूद भी लेखपालों के द्वारा धरना लगातार जारी है।

हड़ताल के चलते फंसे लाखों प्रमाण पत्र

उत्तर प्रदेश में 16 दिनों से लेखपालों की हड़ताल के चलते आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोगों के पांच हजार से अधिक आवेदन लटके पड़े हैं। आवेदक लगातार तहसीलों के चक्कर लगा रहे हैं। प्रदेश के कई जिले में मांगों को लेकर लेखपाल 11 दिसंबर से आंदोलनरत हैं। लेखपाल सरकार से मांगों को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। लेखपालों की हड़ताल के चलते जमीनों की पैमाइश के प्रकरण और प्रमाण पत्रों को निर्गत करने की प्रक्रिया बाधित हो रही है। प्रदेश के कई जिले में लेखपालों की हड़ताल का असर ऐसा है कि एक माह से तहसीलों में आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और हैसियत प्रमाण पत्र फंसे पड़े हैं। जिसके न बनने के कारण आवेदकों को तहसीलों व सहज जनसेवा केंद्रों का चक्कर लगाना पड़ रहा है।

क्या है मामला

उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के बैनर तले आठ सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे लेखपालों ने पिछले कई दिनों से सरकार विरोधी मोर्चा खोल रखा है। लेखपाल वेतन उच्चीकरण, एसीपी विसंगति, विशेष वेतन भत्ता, मोटर साइकिल और स्टेशनरी भत्ता, भत्तों के देय व पदनाम उप राजस्व निरीक्षक समेत आठ मांगें सरकार से पूरी करने को कह रहे हैं लेकिन अब सरकार की कार्रवाई शुरू होने के बाद सबका साथ टिके रहना संभव नहीं होगा।

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