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अयोध्या जाने के सभी रास्ते बंद, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद, रंजन गोगोई ने डीजीपी से की मुलाकात

locationलखनऊPublished: Nov 08, 2019 04:15:37 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– हर जिले में अस्थायी जेल बनाने का निर्देश- अयोध्या और लखनऊ में तैनात रहेंगे अतिरिक्त हेलीकाप्टर- सीएम योगी ने अफसरों की बैठक ली, सुरक्षा के कड़े निर्देश- लखनऊ महोत्सव टला, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद

Ayodhya news

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पत्रिका अपडेट.
अयोध्या . श्रीराम जन्मभूमि मामले में अब हर किसी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है। किसी भी वक्त शीर्ष न्यायालय अपना फैसला सुना सकता है। इसके मद्देनजर अयोध्या सहित पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था के कड़ी कर दी गयी है। अयोध्या आने वाले सभी रास्तों को बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया गया है। अर्ध सैनिक बल के चार हजार अतिरिक्त जवानों को भेजा गया है। 15 दिसंबर तक पुलिस अधिकारियों की छुट्टियां रद कर दी गयी हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सभी जिलों में अस्थायी जेल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि कानून व्यवस्था को बिगाडऩे वालों को यहां रोका जा सके। अयोध्या शहर और अन्य संवेदनशील इलाकों की ड्रोन से निगरानी की जा रही है। जबकि, पीस कमेटियां गांवों और शहरों में लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील कर रही हैं।
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सभी जिलों में कंट्रोल रूम
सीएम योगी ने पुलिस-प्रशासन से जुड़े अधिकारियों की बैठक लेकर माहौल बिगाडऩे वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा क् िकि अयोध्या मसले पर फैसला किसी के भी पक्ष में आए, आपसी सौहार्द बनाए रखना पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। इस बीच शासन ने 15 दिसंबर तक पुलिस के आला अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। सभी जिलों में अस्थायी जेल बनाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम और सभी जिलों में एक-एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह 24 घंटे काम करेगा। मुख्यमंत्री ने आपात स्थिति से निपटने के लिए लखनऊ और अयोध्या में एक-एक हेलिकॉप्टर की व्यवस्था के भी निर्देश दिये हैं। अयोध्या के आस-पास के जिलों में स्कूलों में अस्थायी जेल बनायी गयी हैं।
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रामनगरी की तरफ सघन जांच के बाद पैदल प्रवेश
अयोध्या और उसके आस-पास के जिलों में सुरक्षबलों की कम से कम 50 कंपनियों की तैनाती होगी। जबकि राज्य के अन्य जिलों में सुरक्षाबलों की 70 कंपनियां तैनात रहेंगी। सिविल पुलिस के साथ पीएसी, आरएएफ और पैरामिलिट्री फोर्स को लगाया गया है। एटीएस भी कड़ी नजर रख रही है। खुफिया एजेंसी को सतर्क हैं। ड्रोन कैमरे से हर कोने की निगरानी की जा रही है। इस बीच अयोध्या में राम जन्मभूमि जाने वाले सभी मार्गों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। टेढ़ी बाजार से दोपहिया और चार पहिया वाहन नहीं जा पाएंगे। सघन चेकिंग के बाद ही किसी को भी राम नगरी की तरफ पैदल प्रवेश दिया जा रहा है। प्रदेश के एडीजी अभियोजन आशुतोष पांडे ने अयोध्या में ही रुककर सुरक्षा व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं।
सबसे बड़े फैसले का इंतजार, अयोध्या जाने के सभी रास्ते बंद, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद
पीस कमेटियां कर रहीं शांति बनाए रखने की अपील
अयोध्या शहर की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जा रही है। जबकि, पीस कमेटियां गांवों और शहरों में जाकर लोगों से शांति और प्रेम बनाए रखने की अपील कर रही हैं। हालांकि, जिला प्रशासन की कोशिश है कि अस्पताल और स्कूल खुले रहें ताकि यहां का वातावरण सामान्य रहे। नगर पुलिस अधीक्षक बृजपाल सिंह के मुताबिक फैसले के दौरान अयोध्या में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह तैयारी कर ली गई है। आम नागरिकों को किसी भी प्रकार से दिक्कतों का सामना न करना पड़े, इसके लिए पर्याप्त फोर्स लगाई जा रही है। शांति सौहार्द को बिगाडऩे वाले संदिग्ध व्यक्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जिले में धारा 144 लागू है।
लखनऊ महोत्सव टला
अयोध्या फैसले के चलते लखनऊ महोत्सव को जनवरी तक टाल दिया गया है। पहले इसका आयोजन 25 नवंबर को होना था।

चीफ जस्टिस ने डीजीपी और मुख्य सचिव से की मुलाकात-
अयोध्या में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में अहम फैसले से पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से उप्र के डीजीपी और मुख्य सचिव ने मुलाकात की है। डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने मुलाकात के बाद मुख्य न्यायाधीश को बताया कि फैसले के मद्देनजर यूपी में पूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। चीफ जस्टिस के चेंबर में यूपी के दोनों टॉप अफसरों की मुलाकात हुई। मीटिंग करीब डेढ़ घंटे तक चली। माना जा रहा है कि मीटिंग में अयोध्या केस पर बनी संवैधानिक पीठ में शामिल सभी पांचों जज मौजूद थे। अधिकारियों ने सीजेआई को अयोध्या केस पर फैसले के बाद कानून और व्यवस्था की स्थिति को संभालने की तैयारियों के बारे में जानकारी दी। बताया जा रहा है कि चीफ जस्टिस ने अधिकारियों को सभी कदम उठाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अयोध्या पर फैसले के बाद पूरे यूपी में किसी भी जगह कोई अप्रिय घटना न हो। माना जा रहा है कि 13, 14 या 15 नवंबर में से किसी भी दिन अयोध्या को लेकर फैसला आ सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर को समाप्त हो रहा है और उससे पहले ये तीन दिन ही वर्किंग डेज हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी दौरान फैसला आ सकता है।
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