सीएए को लेकर भाजपा कमर कस कर अभियान में जुटी है, लेकिन 21 जनवरी को सीएए के समर्थन में रैली करने लखनऊ पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह हों, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हों या फिर भाजपा के नवनियुक्त अध्यक्ष जेपी नड्डा, सभी ने अपनी-अपनी रैलियों में सीएए को लेकर विरोधियों को खूब खरी-खोटी सुनाई और कदम वापस नहीं खींचने का एलान तोकिया, लेकिन साथ ही अपने भाषणों से यूपी की राजनीतिक लड़ाई का खाका खींचने की भी कोशिश की। भाजपा के शीर्ष नेताओं के बयान से साफ जाहिर है किभाजपा अब नागरिकता संशोधन कानून से इतर मंदिर निर्माण के मुद्दे को गरम करना चाहती है, साथ ही वह चाहती है कि यूपी में भाजपा बनाम सपा की लड़ाई हो।