scriptपीपीपी मॉडल पर होगी कोरोना की जांच, संक्रमित मरीजों का निशुल्क होगा इलाज, निगेटिव रिपोर्ट आने पर वहन करना होगा खर्च | amount to be paid for covid-19 if you are not an emergency case | Patrika News
लखनऊ

पीपीपी मॉडल पर होगी कोरोना की जांच, संक्रमित मरीजों का निशुल्क होगा इलाज, निगेटिव रिपोर्ट आने पर वहन करना होगा खर्च

राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KG,U) में कोरोना टेस्ट (Covid-19 Test) के लिए शुल्क लगेगा। केजीएमयू में इमरजेंसी केस में आने वाले मरीजों को कोविड-19 परीक्षण के लिए 1500 रुपये देने होंगे। अगर रिजल्ट पॉजिटिव निकलता है, तो केजीएमयू धन की प्रतिपूर्ती करेगा और निशुल्क उपचार प्रदान करेगा। लेकिन जिनका सैंपल टेस्ट में रिजल्ट निगेटिव आएगा, परिक्षण का खर्च वहन करना होगा यानी उन्हें रिफंड नहीं मिलेगा

लखनऊJun 28, 2020 / 11:21 am

Karishma Lalwani

पीपीपी मॉडल पर होगी कोरोना की जांच, संक्रमित मरीजों का निशुल्क होगा इलाज, निगेटिव रिपोर्ट आने पर वहन करना होगा खर्च

पीपीपी मॉडल पर होगी कोरोना की जांच, संक्रमित मरीजों का निशुल्क होगा इलाज, निगेटिव रिपोर्ट आने पर वहन करना होगा खर्च

लखनऊ. राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में कोरोना टेस्ट (Covid-19 Test) के लिए शुल्क लगेगा। केजीएमयू में इमरजेंसी केस में आने वाले मरीजों को कोविड-19 परीक्षण के लिए 1500 रुपये देने होंगे। अगर रिजल्ट पॉजिटिव निकलता है, तो केजीएमयू धन की प्रतिपूर्ती करेगा और निशुल्क उपचार प्रदान करेगा। लेकिन जिनका सैंपल टेस्ट में रिजल्ट निगेटिव आएगा, परिक्षण का खर्च वहन करना होगा यानी उन्हें रिफंड नहीं मिलेगा। इन नई प्रणाली को केजीएमयू की कार्यकारी परिषद ने मंजूरी दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह निर्देश राज्य सरकार के निर्देश पर लाया गया है। इसके साथ ही केजीएमयू में पीपीपी मॉडल के स्तर पर जांच की सुविधा दी जाएगी। पीपीपी मॉडल पर होने वाली जांच के लिए अलग से लैब बनेगी। इसमें इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की एक घंटें में जांच पूरी हो जाएगी। यह लैब वृद्धावस्था विभाग में बने होल्डिंग एरिया में बनेगी।
केजीएमयू में हर रोज दो हजार से अधिक टेस्ट की क्षमता है। यह टेस्ट अभी माइक्रो बायोलॉजी विभाग की खुद की लैब में किए जा रहे हैं। मगर, यहां पर इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के समय पर टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। लिहाजा, पीपीपी मॉडल पर इमरजेंसी के मरीजों का टेस्ट का फैसला किया गया है। इसमें ओपीडी व वार्ड में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों के सैंपल भी भेजे जा सकेंगे। इनकी एक ही एक घंटे में रिपोर्ट मिलने पर समय पर ऑपरेशन व इलाज किया जा सकेगा। लैब में ऑटोमेटिक पीसीआर मशीन लगेगी।
रीहैबिलिएशन सेंटर को कोविड अस्पताल में बदलने की मांग

केजीएमयू की कार्यकारी परिषद ने राज्य सरकार को रीहैबिलिएशन और आर्टिफिशियल लिंब सेंटर को कोविड-19 अस्पताल में बदलने का प्रस्ताव भेजा है। साथ ही संक्रमक रोगों के इलाज के लिए अलग से अस्पताल बनवाने और उसके लिए 15 एकड़ जमीन की भी मांग की गई है।
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