राजनीतिकरण करने का प्रयास है तीन तलाक पर पार्टी के कदम के खिलाफ अपर्णा यादव के बयान से समाजवादी पार्टी असहज हो रही है। अपर्णा यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ के कैंट विधानसभा से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। अधिकतर देखा गया है कि अपर्णा यादव के विचार उनकी पार्टी के आधिकारिक रुख के विपरीत ही रहते हैं। ट्रिपल तलाक बिल के बारे में समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया था कि यह विधेयक भाजपा का इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास है।
सांसद सदन से बाहर चले गए
लोकसभा में 27 दिसंबर को ट्रिपल तलाक बिल पर बहस के दौरान बदायूं से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि ट्रिपल तालक एक सामाजिक मुद्दा था और भाजपा इस मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही थी। मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक 2018 को निचले सदन ने 245 सांसदों के पक्ष में मतदान किया और 11 ने इसका विरोध किया। मतदान के समय समाजवादी पार्टी के सांसदों के अलावा एआईडीएमके, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के सांसद सदन से बाहर चले गए।
पुरुषों को भी कानूनों की जानकारी होनी चाहिए वहीं अपर्णा यादव ने लोकसभा में तीन तलाक बिल पारित करने के केंद्र के प्रयास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि अगर हम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को देखेंगे, तो हमें पता चलेगा कि हमारे देश में, खासकर उत्तर प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। न केवल महिलाओं को, बल्कि पुरुषों को भी कानूनों की जानकारी होनी चाहिए। ट्रिपल तलाक बिल का मामला बीते वर्ष अगस्त में संसद में उठाया गया था। इस बिल को सोमवार को राज्यसभा में पेश किया गया।