23 मार्च को हुई थी वोटिंग
16 राज्यों की 58 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग 23 मार्च को हुई थी तब नामांकन फाइल करने की आखिरी तारीख 12 मार्च थी। उस समय उत्तर प्रदेश से राज्य सभा की 10 सीटें थीं, जिसमें से ज्यादातर बीजेपी की झोली में गयी थीं।
यूपी की बात सदन में जोरदार तरीके से उठाते थे
राज्यसभा में बतौर नेता विपक्ष Arun Jaitley के तार्किक और अचूक तर्क सत्ता पक्ष के लिए अबूझ चुनौती की तरह रहे। बतौर नेता सदन रहते हुए भी उन्होंने उसी तार्किकता से मोदी सरकार को घेरने के विपक्ष के प्रयासों को बेदम करते रहे। छात्र राजनीति से शुरू हुआ जेटली का सफर बीजेपी के अग्रणी नेता बनने से लेकर वित्त मंत्री की कुर्सी तक पहुंचकर खत्म हुआ। जेटली का राजनीतिक सफर एक विजेता योद्धा जैसा है जिसमें उन्होंने कभी पीछे मुडकऱ नहीं देखा। वे जब भी मौका मिलता था यूपी की समस्या सदन में बड़े ही जोरदार तरीके से उठाते थे।
ऐसा था राजनीतिक जीवन
अरुण जेटली (Arun Jaitley) के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एबीवीपी से हुई और वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष भी चुने गए। 1977 में जेटली छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए और उसी साल उन्हें एबीवीपी का राष्ट्रीय सचिव भी बनाया गया। 1980 में उन्हें बीजेपी के यूथ विंग का प्रभार भी सौंपा गया। बतौर छात्र जेटली अपनी भाषण शैली के कारण बेहद लोकप्रिय थे। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रैजुएट और लॉ फैकल्टी से कानून की पढ़ाई करनेवाले जेटली की गिनती प्रतिभाशाली छात्रों के तौर पर होती थी। राजनीतिक जीवन में कुशल वक्ता से लेकर सुप्रीम कोर्ट में कानूनी दांव पेंच तक पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के जीवन के कई अनसुने किस्से हैं।