वहीं अयोध्या जिला प्रशासन ने अब गांव जमथरा व माजावर हटा में भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव दिया है। वहां पर्याप्त सरकारी भूमि उपलब्ध है। इससे भूमि अधिग्रहण पर कोई खर्च नहीं होगा और समय भी बचेगा।
रामनगरी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशालकाय प्रतिमा मूर्ति निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदाई संस्था यूपी राजकीय निर्माण निगम का दी गई है। विशाल प्रतिमा का डिजाइन तैयार कर दिसंबर 2019 तक आर्किटेक्ट से फाइनल कराने का लक्ष्य है। प्रोजेक्ट को लेकर सभी तकनीकी खामियों को दूर कर एनओसी हासिल करने की समय सीमा मई 2020 तय कर दी गई है।
राजकीय निर्माण निगम के एमडी उत्तम कुमार गहलोत की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने गत दिनों मीरापुर दोआबा गांव का मौका मुआयना किया। सूत्रों के अनुसार कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रस्तावित स्थल के एक ओर सरयू नदी व पुल तथा दूसरी ओर रेलवे ट्रैक है। नदी होने से आसपास की जमीन में नमी बनी रहती है। ट्रेनों और पुल पर चलने वाले वाहनों से वहां लगातार कंपन होगा। इससे मूर्ति के पैडस्टल की नींव को लगातार खतरा बना रहेगा।
इस मामले पर जानकारी देते हुए अयोध्या के पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि अयोध्या में लगने वाले भगवान श्रीराम की प्रतिमा को लेकर स्थान अभी तय नहीं हो सका है जबकि पूर्व में निर्धारित मीरापुर द्वाबा में फीजिबिलिटी टेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक उपयुक्त नहीं ठहराया गया, जिसके बाद शासन को मीरापुर के बाद जमथरा और मांझा बरहट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन अभी स्वीकृति नहीं मिली है।
प्रतिमा लगाने के लिए मीरापुर दोआबा गांव में 61.38 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की गई थी। पहले चरण में 24.3807 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत करने का प्रस्ताव था, जिसकी लागत 117 करोड़ रुपए थी। दूसरे चरण में 330 करोड़़ रुपए की लागत से 37 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव था। प्रदेश सरकार ने जमीन अधिग्रहण के लिए 447 करोड़ रुपए जारी करने की मंजूरी के साथ पहले चरण में 200 करोड़ रुपए जारी कर दिए थे। पर्यटन विभाग ने नवंबर के दूसरे सप्ताह में यह राशि अयोध्या जिला प्रशासन को हस्तांतरित भी कर दी थी।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने कहा कि निर्माण निगम की तकनीकी कमेटी ने मीरापुर दोआबा में प्रस्तावित स्थल को प्रतिमा की स्थापना के लिए उपयुक्त नहीं माना है। नए स्थान के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगाने के साथ उस स्थान पर कई खूबसूरत वस्तुए बनाई जाएंगी। मूर्ति के बेसमेंट के अंदर एक भव्य हाल होगा, जिसमें एक म्यूजियम स्थापित किया जाएगा। इस म्यूजियम में भगवान विष्णु के सभी अवतारों की जानकारी और अयोध्या रामजन्मभूमि का इतिहास भी दर्शाया जाएगा। यहां मूर्ति के अलावा विश्राम घर, श्रीराम की कुटिया और डिजिटल म्यूजियम, लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैंड स्केपिंग सहित अन्य व्यवस्थाएं आकर्षण का केंद्र होंगी।