बलिया गोलीकांड में फरार मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह सरेंडर करने की फिराक में था। इसके लिए उसने कुछ करीबी नेताओं और पुलिसवालों से संपर्क भी किया था। उन्हीं की सलाह पर धीरेंद्र वकीलों के जरिये सरेंडर करना चाह रहा था। जानकारी के मुताबिक, सरेंडर का पूरा प्लान बन चुका था, लेकिन ऐन मौके पर एसटीएफ ने उसे धर दबोचा।
15 अक्टूबर को बलिया जिले की ग्राम सभा दुर्जनपुर व हनुमानगंज की कोटे की दो दुकानों के आवंटन के लिए पंचायत भवन में खुली बैठक बुलाई गई थी। एसडीएम बैरिया सुरेश पाल, सीओ चंद्रकेश सिंह, बीडीओ गजेंद्र प्रताप सिंह और रेवती थाने का पुलिसबल भी मौजूद था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हंगामा होते ही अधिकारियों ने बैठक स्थगित कर दी और जाने लगे। बैठक स्थगित होने के बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। आरोप है कि इसी दौरान विवाद होने पर धीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश पाल की हत्या कर दी। इसके बाद वह भाग निकला था। मामले में एसडीएम और सीओ को निलंबित भी कर दिया गया है।