पांच सीटें मांग रहे राजभर ओम प्रकाश राजभर भाजपा से पहले पांच सीटें (लालगंज, मछलीशहर, घोसी, अंबेडकरनगर और चंदौली सीट) मांग रहे थे, लेकिन भाजपा की ओर से उन्हें किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं मिला। इसी को लेकर ओमप्रकाश लगातार बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का पूर्वांचल की 36 विधानसभा सीटों पर पर अच्छा खासा प्रभाव है। जिसका फायदा बीेजेपी लोकसभा में उटाना चाहती है। इसी को देखते हुए राजभर की नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी उन्हें चुनाव लडऩे के लिए एक सीट देने का मन बना रही है। लेकिन अपने मनमुताबिक सीटें न मिलने पर राजभर ने भाजपा से अलग होने तक की चेतावनी दे डाली। वहीं सुभासपा के वोटबैंक को देखते हुए बीजेपी भी असमंजस में है और अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
राजभर को लपकने की कोशिश में सपा-बसपा वहीं दूसरी तरफ सपा-बसपा के नेता राजभर के भाजपा से दूर होते ही उन्हें लपकने की फिराक में हैं। सपा-बसपा गठबंधन राजभर को अपने साथ जोड़कर उनके हिस्से में वह पार्टी देना चाहती है जहां राजभर वोटों की संख्या ज्यादा हैं। सूत्रों के मुताबिक सपा-बसपा के नेताओं की सुभासपा नेताओं से बातचीत भी जारी है और जल्द ही दोनों पार्टियों के आलाकमान आखिरी फैसला लेना चाहते हैं। दरअसल सपा-बसपा के नेता केशिश में हैं कि राजभर को अपने खेमे में लाकर ऐसी रणनीति बनाई जाए, जिससे भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी की जा सके। आपको बता दें कि ओम प्रकाश राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन वह हमेशा प्रदेश सरकार की कार्य प्रणाली पर अपनी नाराजगी जाहिर करके सुर्खियां बटोरते रहते हैं।