पेशेवर जातियां
भाजपा ने पिछड़ी जातियों में से उन जातियों को पेशेवर जातियां माना है जो किसी न किसी पेशे में संलग्न हैं, मसलन – दुग्ध उत्पादक, केश कर्तन, बुनकर, बढ़ई यानी की कारपेंटर, मूूर्तिकार, शिल्पकार, जरदोजी कार्य समेत करीब 28 ऐसे पेशे हैं जिनके काम करने वालों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिला है। पार्टी इन जातियों को 27 प्रतिशत में से 15 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की तैयारी की है।
खेतिहर जातियां
भारतीय जनता पार्टी के जानकारों का मानना है कि ओबीसी की जातियों में वे जातियां जो खेती किसानी के कामों में लगी हैं, उन्हें आरक्षण का ज्यादा लाभ मिले। जैसे पटेल-कुर्मी, मौर्या, कुशवाहा, लोध, आदि। पेशेवर ओबीसी में दुग्ध उत्पादकों को ज्यादा लाभ मिला है। बाकी पेशेवर पिछड़ीे जाति के लोग योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रहे हैं। ऐसे वंचितों की संख्या 73 प्रतिशत है। इन जातियों को २७ में से १२ प्रतिशत कोटा देने के पक्ष में है।