यह भी पढ़ें… आखिर मुलायम ने अखिलेश के खिलाफ रैली में क्यों नहीं बोला, हुआ खुलासा तो नाराज हुए शिवपाल! मालूम हो कि मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम समेत अन्य दो मंत्री फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इनका कार्यकाल 19 सितंबर को समाप्त हो जाता। पद पर बने रहने के लिए इनको हर हाल में 19 सितंबर से पहले विधान परिषद या विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है। बताते चलें कि विधान परिषद का उप चुनाव 18 सितंबर को होगा। इसी दिन परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे। चुनाव आयोग पहले पांच विधान परिषद सीटों में से चार ही सीटों पर उप चुनाव कराने के लिए राजी हुआ था। ऐसे में योगी सरकार के किसी एक मंत्री की कुर्सी जाना तय माना जा रहा था। इसमें कहा जा रहा था कि मोहसिन रजा की कुर्सी ज्यादा खतरे में थी। हालांकि, अब यह खतरा टल गया है, क्योंकि पार्टी ने उन्हें भी विधान परिषद के लिए उम्मीदवार घोषित किया है।
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मालूम हो कि जब निर्वाचन आयोग ने चार विधान परिषद सीटों पर ही चुनाव कराने का निर्णय लिया था तब माना जा रहा था कि किसी एक मंत्री को पद से इस्तीफा देना होगा। योगी सरकार के पांच मंत्रियों में से एक मोहसिन रजा ही ऐसे मंत्री थे, जिनकी कुर्सी जानी लगभग तय मानी जा रही थी। लेकिन, चुनाव आयोग ने मंगलवार को अपने फैसले को बदलते हुए जयवीर सिंह की रिक्त हुई सीट पर भी चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद पार्टी व मोहसिन रजा ने भी राहत की सास ली। आयोग के निर्णय के बाद साफ है कि योगी सरकार के पांचों मंत्री अपनी कुर्सी पर बैठे रहेंगे।
मालूम हो कि जब निर्वाचन आयोग ने चार विधान परिषद सीटों पर ही चुनाव कराने का निर्णय लिया था तब माना जा रहा था कि किसी एक मंत्री को पद से इस्तीफा देना होगा। योगी सरकार के पांच मंत्रियों में से एक मोहसिन रजा ही ऐसे मंत्री थे, जिनकी कुर्सी जानी लगभग तय मानी जा रही थी। लेकिन, चुनाव आयोग ने मंगलवार को अपने फैसले को बदलते हुए जयवीर सिंह की रिक्त हुई सीट पर भी चुनाव कराने की अधिसूचना जारी कर दी। इसके बाद पार्टी व मोहसिन रजा ने भी राहत की सास ली। आयोग के निर्णय के बाद साफ है कि योगी सरकार के पांचों मंत्री अपनी कुर्सी पर बैठे रहेंगे।
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मालूम हो कि पिछले महीने समाजवादी पार्टी के यशवंत सिंह, अशोक बाजपेई, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब ने विधान परिषद से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया था। वहीं बीएसपी के जयवीर सिंह ने भी विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव आयोग ने पांच सीटों के बजाए चार सीटों पर चुनाव कराने का फैसला लिया था। आयोग ने जयवीर सिंह के कार्यकाल का एक साल से कम का समय बचे होने के कारण चुनाव कराने से मना कर दिया था, लेकिन मंगलवार को चुनाव आयोग ने दोबारा से अधिसूचना जारी कर रिक्त हुई जयवीर की सीट पर भी चुनाव कराने का फैसला किया।
मालूम हो कि पिछले महीने समाजवादी पार्टी के यशवंत सिंह, अशोक बाजपेई, सरोजिनी अग्रवाल और बुक्कल नवाब ने विधान परिषद से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन कर लिया था। वहीं बीएसपी के जयवीर सिंह ने भी विधान परिषद से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव आयोग ने पांच सीटों के बजाए चार सीटों पर चुनाव कराने का फैसला लिया था। आयोग ने जयवीर सिंह के कार्यकाल का एक साल से कम का समय बचे होने के कारण चुनाव कराने से मना कर दिया था, लेकिन मंगलवार को चुनाव आयोग ने दोबारा से अधिसूचना जारी कर रिक्त हुई जयवीर की सीट पर भी चुनाव कराने का फैसला किया।