scriptसही ज्ञान प्राप्त करने के लिए पुस्तकें ही प्रामाणिकः डा.दिनेश शर्मा | Book Fair begins at Children's Museum Charbagh | Patrika News
लखनऊ

सही ज्ञान प्राप्त करने के लिए पुस्तकें ही प्रामाणिकः डा.दिनेश शर्मा

इंटरनेट से हो रहा भाषा ज्ञान अवरुद्ध: डा.दाऊजी गुप्ता

लखनऊMar 05, 2021 / 07:41 pm

Ritesh Singh

इंटरनेट से हो रहा भाषा ज्ञान अवरुद्ध: डा.दाऊजी गुप्ता

इंटरनेट से हो रहा भाषा ज्ञान अवरुद्ध: डा.दाऊजी गुप्ता

लखनऊ, आनलाइन सिस्टम में आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं। फिर भी आजकल एक और चुनौती खड़ी हो गई है। पुस्तकें नहीं लिखी जाएंगी तो इंटरनेट के लिए सामग्री कहां से आएगी! इसलिए लेखन आवश्यक है और फिर प्रकाशन भी और आगे पाठक भी। ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबें ही प्रामाणिक माध्यम आज भी हैं। ये उद्गार लखनऊ पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने व्यक्त किए। चारबाग स्थित बाल संग्रहालय लान में आज से 14 मार्च तक चलने वाला तथा आत्मनिर्भर भारत थीम पर केन्द्रित लखनऊ पुस्तक मेला मेला प्रारम्भ हो गया।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित डा.शर्मा ने कि मेरे लिए पुस्तक मेले का एक अलग आकर्षण रहा है। मैं 2006 से पुस्तक मेले में आ रहा हूं। यहां उमड़ने वाले भीड़ हमेशा मुझे संतोष के साथ गर्व का अनुभव कराती है कि हमारे नगर में बुद्धिजीवी वर्ग है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट संचालित माध्यमों के वर्तमान दौर में जानकारी बहुत जल्द मिल जाती है। कोरोना काल में हमने आनलाइन शिक्षा को क़रीब से देखा और कण्टेंट अपलोड कराया है। पुस्तकों की महत्ता कभी नहीं खत्म होने वाली। मेले की थीम आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करने के साथ उन्होंने कहा कि ऐसे पुस्तक मेलों में आकर पता चलता है कि वास्तव दुनिया में कितना विस्तृत ज्ञान है।
इस अवसर पर उन्होंने एक पत्रिका ‘सिटी एसेन्स’ का विमोचन भी किया। उद्घाटन समारोह में अध्यक्षता कर रहे पूर्व मेयर डा.दाऊजी गुप्ता ने भी पुस्तकों के महत्व पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इंटरनेट पर हरदम सही जानकारी नहीं मिलती। इससे आज मोबाइल फोन में संसार सिमट आया है पर हो रहा है। भारतीय भाषाओं की महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि आक्सफोर्ड डिक्शनरी के 40 लाख शब्दों में पांच लाख शब्द संस्कृत के हैं। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक मनोज सिंह चंदेल ने नवाबी शहर में लगभग दो दशक पुरानी पुस्तक मेलों की परम्परा का जिक्र क्रमशः होते बदलाव के साथ किया और कहा कि हमारे लिए मीडिया का सहयोग हमेशा अहम रहा है।
अफसोस यह है कि पिछले साल कोविड-19 के दुरूह काल के कारण तय होने के बावजूद कोई भी मेला नहीं हो पाया पर प्रसन्नता की बात है अब नियमों में ढील होने के कारण यह मेला आयोजित हुआ है। यहां संरक्षक वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू रामजी दास, प्रदेश ओलम्पिक संघ के उपाध्यक्ष टीपी हवेलिया ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर मंच पर आप्टीकुम्भ के मिशन लीडर ऋषभ रस्तोगी, विश्वम के यूपी त्रिपाठी व विशाल श्रीवास्तवव निदेशक आकर्ष चंदेल भी मंच पर उपस्थित थे। दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही युगल कथक नृत्यांगना ईशा रतन-मीशा रतन ने ईश वंदना प्रस्तुत की।
https://youtu.be/ODO__PO4nyo
https://www.dailymotion.com/embed/video/https://dai.ly/x7zp9sj
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो