scriptbook kuchh panne kore rah gaye irrfan khan written by ajay brahmatmaj | 'इरफान खान मेरे प्रिय थे, लेकिन घर की मुर्गी नहीं'; बेटे बाबिल बोले- बाबा लिख नहीं पाते थे, उनकी आंखें बोलती थीं | Patrika News

'इरफान खान मेरे प्रिय थे, लेकिन घर की मुर्गी नहीं'; बेटे बाबिल बोले- बाबा लिख नहीं पाते थे, उनकी आंखें बोलती थीं

locationलखनऊPublished: Jan 10, 2023 04:00:35 pm

Submitted by:

Krishna Pandey

'एक्टर क्या होता है? ये इरफान खान ने अच्छी तरह समझ लिया था। वो कहते थे- मुझे खुद में कुछ भी बदलाव नहीं करना है। अपनी ही आवाज रखनी है'।

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जब इरफान खान बीमार हुए तो मेरे ऊपर दबाव आ गया। लोग कहने लगे कि आपके इरफान खान के साथ अच्छे संबंध हैं, यह मौका है, किताब लिख दीजिए। लेकिन मैं इरफान खान को किसी मौके के रूप में नहीं देख रहा था। मैं किसी मौके पर इरफान खान का इस्तेमाल करूं यह मेरे लिए संभव भी नहीं था। यह लाइन है फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज की, जिन्होंने इरफान की बातों और यादों को समेटते हुए एक किताब लिखी है। किताब का नाम है 'और कुछ पन्ने कोरे रह गए…इरफान।
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