लखनऊ

लखनऊ में हर साल 80-100 मिसाइलों का उत्पादन करेगा ब्रह्मोस एयरोस्पेस, जानें कब से होगा शुरू

BrahMos Aerospace: ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में शुरू होने वाला है। 3 जून को ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 3 के आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी में 110 स्टालों में से एक में प्रतिष्ठित ब्रह्मोस मिसाइल लांचर प्रदर्शित किया गया था। जिसे प्रधान मंत्री ने विशेष दिलचस्पी के साथ देखा था।

लखनऊJun 05, 2022 / 09:41 am

Jyoti Singh

ब्रह्मोस एयरोस्पेस अपनी लखनऊ इकाई में 2024 के मध्य से हर साल 80 से 100 नई ब्रह्मोस मिसाइलों का उत्पादन करेगा। योगी आदित्यनाथ और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से, उत्तर प्रदेश राज्य जल्द ही रक्षा उत्पादन हब बनने की राह पर है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ और एमडी अतुल डी. राणे के अनुसार, “लखनऊ में निर्माण कार्य जोरों पर है। इकाई स्थापित होने के बाद 2024 के मध्य तक ब्रह्मोस का उत्पादन शुरू किया जा सकता है।”
लखनऊ नोड में होगा शुरू

बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड में शुरू होने वाला है। 3 जून को राज्य की राजधानी में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 3 के आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी में 110 स्टालों में से एक में प्रतिष्ठित ब्रह्मोस मिसाइल लांचर प्रदर्शित किया गया था। जिसे प्रधान मंत्री ने विशेष दिलचस्पी के साथ देखा था। ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने लखनऊ इकाई से एक वर्ष में 80-100 मिसाइलों को वितरित करने की योजना बनाई है।
ये भी पढ़ें : कानपुर हिंसा से बरेली में प्रशासन सख्त, मौलाना तौकीर रजा के अल्टीमेटम के बाद धारा 144 की लागू

राजधानी में ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र स्थापित

गौरतलब है कि अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) राज्य की राजधानी में ब्रह्मोस विनिर्माण केंद्र स्थापित कर रहा है। 200 एकड़ के क्षेत्र में फैला, ब्रह्मोस एयरोस्पेस दुनिया की सबसे अच्छी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली का निर्माण करेगा। जिसे ब्रह्मोस-एनजी के रूप में नामित किया गया है और जिसे पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से लॉन्च किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें : कासगंज में उठी चिंगारी ने 75 परिवारों की खुशियां छीनी, मासूम समेत आधा दर्जन बेजुबान जिंदा जले

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रखी थी आधारशिला

विनिर्माण केंद्र एक आधुनिक, अत्याधुनिक सुविधा होगी। इकाई की आधारशिला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 26 दिसंबर, 2021 को रखी थी। इस परियोजना से लगभग 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके अलावा 5,000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। रक्षा उद्योग से जुड़ी सहायक इकाइयों की स्थापना से करीब 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.