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लखनऊ

जिन्हें हटा न सके खुद मोदी और योगी, उन्हें भी एक झटके में भगा दिया कोरोना ने

– कोरोना वायरस की दहशत के बीच टला सीएए प्रदर्शन, लखनऊ के घंटाघर से हटीं महिलाएं
– कानपुर में भी कोरोना के चलते धरना हुआ खत्म
– प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद और सहारनपुर में धरना जारी
– कई लोगें पर दर्ज हुआ मुकदमा

लखनऊMar 23, 2020 / 09:42 am

नितिन श्रीवास्तव

जिन्हें हटा न सके खुद मोदी और योगी ,उन्हें एक झटके में भगा दिया कोरोना ने

जिन्हें हटा न सके खुद मोदी और योगी ,उन्हें एक झटके में भगा दिया कोरोना ने

लखनऊ. कोरोना वायरस को थर्ड स्टेज में पहुंचने से रोकने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के 16 जिलों में सोमवार से लॉकडाउन कर दिया। यह लॉकडाउन 25 मार्च बुधवार तक जारी रहेगा। वहीं कोरोना की गंभीरता को देखते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर पर चल रहे प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने भी फिलहाल इसे खत्म करने का फैसला लिया है, वह वहां से हट गई हैं। एसीपी चौक दुर्गा शंकर तिवारी ने धरना खत्म होने की आधिकारिक पुष्टी की। लखनऊ के अलावा कानपुर में भी धरना खत्म हो गया है। लेकिन प्रयागराज, अलीगढ़, मुरादाबाद और सहारनपुर में धरना बदस्तूर जारी है। यहां कई लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया।
दरअसल लखनऊ के घंटाघर पर बीते कई महीनों से सीएए-एनआरसी के खिलाफ धरना चल रहा था और महिलाएं बैठी थीं, लेकिन अब कोरोना वायरस के कारण धरने को स्थगित कर दिया गया है। धरने पर बैठीं महिलाओं का कहना है कि एक बार कोरोना का असर खत्म हो फिर हम दोबारा धरने पर बैठेंगे। वहीं इससे पहले शिया धर्मगुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक ने भी सीएए और एनआरसी के विरोध में घंटाघर पर बैठी महिलाओं से धरना स्थगित करने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से उपजे हालात के मद्दे नजर धरने को स्थगित कर दें। जैसे ही कोरोना खत्म हो जाए, महिलाएं फिर से धरना कायम करें। घंटाघर पर बीते करीब ढाई महीने से सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन जारी था और इस खतरे के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। जिससे कि संक्रमण का खतरा बना हुआ था, लेकिन अब प्रदर्शनकारियों के हटने के फैसले के बाद से पुलिस-प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
कानपुर में भी धरना खत्म

कानपुर में भी सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बड़ी संख्या में महिलाएं धरने पर बैठ रही थीं। लेकिन कोरोनावारस की दहशत को देखते हुए महिलाओं का धरना समाप्त हो गया है। चमनंगज थाना क्षेत्र स्थित मोहम्मद अली पार्क ने बीते दो महीने तक धरना चला। दिल्ली के शाहिनबाग की तर्ज कानपुर के मोहम्मद अलीपार्क में हजारों महिलाएं सीएए के विरोध में धरने पर बैठी थीं। पुलिस ने जबरन महिलाओं से पार्क खाली कराने का प्रयास किया तो हजारों महिलाएं सड़क पर तीन दिनों तक धरने पर बैठी रही। महिलाओं ने स्वच्छा से ही लगभग 12 दिन पहले धरने से दूरी बना ली। कुछ लोगो का मानना है कि कोरोना वायरस की वजह से महिलाओं ने धरने से दूरी बनाई। एसपी वेस्ट अनिल कुमार के मुताबिक महिलाएं अब मोहम्मद अली पार्क में धरने के लिए नहीं आ रही है। महिलाओं ने खुद से ही धरना समाप्त किया है।
प्रयागराज में भी धरना हो सकता है खत्म

प्रयागराज के रोशन बाग इलाके में मुस्लिम महिलाओं का सीएए के विरोध में धरना लगातार जारी है। धरना-प्रदर्शन करने वालों पर महामारी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की छात्र नेता नेहा यादव समेत 17 नामजद व 100 अज्ञात के खिलाफ कोरोना वायरस फैलाने की आशंका के आरोप में एफआईआर लिखी गई है। वहीं, धारा 144 का उल्लंघन करते हुए पार्क में धरना देने वाले 21 लोगों को नामजद करते हुए 225 अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की गई है। कवरेज के दौरान अभद्रता करने पर एक मीडिया कर्मी ने भी एफआईआर दर्ज कराई है। इससे पहले भी खुल्दाबाद थाने में तीन मुकदमे लिखे गए थे।
अलीगढ़ में धरना जारी

अलीगढञ में ईदगाह पर सीएए के खिलाफ चल रहे धरना में कोरोना वायरस का कोई डर नही दिख रहा। महिलाएं जरूरी बचाव के कदम भी नही उठा रही हैं। पुलिस प्रशासन ने धरना खत्म करने की अपील की थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने नहीं माना। हालांकि तख्त लगाए गए हैं लेकिन जरूरी दूरी का ख्याल नही रखा जा रहा।
मुरादाबाद में भी मुश्किल

मुरादाबाद में चल रहे धरने में भी जरूरी बचाव के उपाय नही किये जा रहे हैं। यहां ईदगाह पर ज्यादा भीड़ है जोकि सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं। यहां धरने में आने से पहले न सेनेटाइजर का उपयोग किया जा रहा है न ही मास्क लगाया जा रहा। साथ ही जरूरी दूरी से भी परहेज किया जा रहा है। महिलाओं का कहना है कि इस वायरस से ज्यादा खतरनाक ये काला कानून है जिसे हटाना जरूरी है। प्रशासन ने सबको समझा कर धरना कहा करने की अपील की थी लेकिन प्रदर्शनकारियों पर उसका कोई असर नही पड़ा। जिसके बाद पुलिस ने 12 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ उत्तर प्रदेश महामारी कोविड- 19 विनियमावली 2020 की धारा 12 में वर्णिक प्रावधानों के उल्लंघन में 269/270 और 188 आईपीसी में केस दर्ज किया है।
सहारनपुर मे भी जमी महिलाएं

सहारनपुर के देवबंद में भी महिलाओं का धरना जारी है। धरने में महिलाओं की संख्या काफी कम है। लेकिन यहां कोरोना वायरस से बचने के उपाय के तौर पर जहां सेनेटाइजर का इस्तेमाल किया जा रहा है वहीं महिलाओं के बैठने के लिए तख्त का इंतजाम किया गया है। तख्त 1 मीटर से ज्यादा दूरी पर रखा गया है। हर तख्त पर एक महिला मौजूद है। हालांकि जो भीड़ पहले मौजूद रहती थी उस संख्या में बड़ी गिरावट आई है।

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