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लखनऊ

क्या है कैम्ब्रिज एनालिटिका, मार्क जुकेरबर्ग और अमेठी से क्या है इनका कनेक्शन

कैम्ब्रिज एनालिटिका ने भारत के कई यूजर्स के डाटा चुराया है। इसका अमेठी संसदीय सीट के चुनाव में भी फेसबुक डाटा का इस्तेमाल हुआ था

लखनऊMar 22, 2018 / 02:03 pm

Mahendra Pratap

rahul gandhi
लखनऊ. पांच करोड़ यूजर्स की निजी जानकारियों का डाटा चुराने के बाद फेसबुक की परेशानियां बढ़ गयी हैं। बात जब फेसबुक की होे रही है, तो इसमें मार्क जुकेरबर्ग का जिक्र तो होगा ही। फेसबुक पर साख का संकट मंडरा रहा है। यूजर्स की ये जानकारी कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा चुराई गयी है।
भारत सहित कई अन्य देशों में फेसबुक यूजर के 5 करोड़ से अधिक निजी जानकारियों से जुड़े डाटा के लीक होने के बाद फेसबुक कंपनी और इनके मालिक मार्क जुकरबर्ग चर्चा में हैं। आरोप लग रहे हैं कि फेसबुक ने भारत के चुनाव को प्रभावित करने का काम किया है। इस सिलसिले में कैम्ब्रिज एनालिटिका का नाम जुड़ा है। ये वो कंपनी है जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने भारत में कांग्रेस के लिए काम किया। अमेठी संसदीय सीट के चुनाव में भी फेसबुक के डाटा का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा के इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि 2010 के चुनाव में भाजपा ने खुद कैम्ब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली थीं। आइये जानते हैं कि कैम्ब्रिज एनालिटिका क्या है और इसका अमेठी कनेक्शन क्या है।
क्या है कैम्ब्रिज एनालिटिका

कैम्ब्रिज एनालिटिका एक बड़ी डाटा विश्लेषण कंपनी है। इसकी शुरूआत रिपब्लिकन रॉबर्ट मर्सर ने फंडिंग करके की थी। ये कंपनी खाद्य सुरक्षा अनुसंधान से लेकर राजनीतिक मसलों पर काम करती है। इस कंपनी की स्थापना अमेरिका में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर की गयी थी।
कैम्ब्रिज एनालिटिका के सीईओ एलेक्जेंडर निक्स हैं। शुरूआत में इसे गेम्स और एप्स के लिए इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन यहां कहानी में ट्विस्ट ये था कि ये न सिर्फ गेम में भाग लेने वाले कंटेस्टेंट्स का डाटा चुराता था बल्कि उनसे जुड़े साथियों का भी। इस तरह करीब 50 मिलियन यूजर्स का डाटा लीक करके इसे ट्रम्प कैंपेन के लिए इस्तेमाल किया गया था। एलेक्जेंडर निक्स ने एक स्टिंग ऑपरेशन में डाटा चुराने की बात को स्वीकारा था। उन्हें इस जॉब प्रोफाइल से बर्खास्त कर दिया गया है।
फेसबुक ने दुनियाभर के 5 करोड़ यूजर्स की जानकारी को चुरा कर उसे चुनावों को गलत तरीके से प्रभावित करने और दखल देने की जुर्रत की है। इसे केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया है। सूचना प्रौद्योगिकी व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को फेसबुक के सीईओ मार्क जुकेरबर्ग को आगाह करते हुए कहा कि अगर चुनाव प्रक्रिया को अवांछित तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अपनी बात कहने की है आजादी लेकिन गलत तरीका बर्दाश्त नहीं

केंद्र सरकार ने कैम्ब्रिज एनालिटिका को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि भारत में हर किसी को अपनी बात गंभीरता से लेने की आजादी है। आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपने विचारों को खुलकर प्रकट करते हैं। सरकार प्रेस, भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करती है। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि गलत तरीके से इसका इस्तेमाल कर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की जाए।
भारतीयों का डाटा सुरक्षित नहीं

भारत में करोड़ों की संख्या है जो सोशल नेटवर्किंग साइट से जुड़ी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल फेसबुक का किया जाता है। अमेरिका के नियामिक द्वारा जिन फेसबुक प्रयोगकर्ताओं के डाटा को चुरा कर चुनावी प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल किया गया है, उसके सम्भावित उल्लंघन की जांच की जी रही है। फेसबुक द्वारा कैम्ब्रिज एनालिटिका को डाटा देना गंभीर मामला है। इस मामले में जांच की जाएगी।
कांग्रेस का कैम्ब्रिज एनालिटिका से संबंध

यूनियन मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद ने कैम्ब्रिज एनालिटिका और कांग्रेस के संबंधों को लेकर तीखा बयान दिया है। उनका आरोप है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका का कांग्रेस पार्टी के साथ संबंध हैं और वे इसे 2019 में होने वाले चुनावों को जीतने के लिए वे इसकी सेवा ले रहे हैं। मीडिया वर्ग के द्वारा इसे ब्रह्मास्त्र कहा जा रहा है।
रिश्वत का भी लग चुका है आरोप

कैम्ब्रिज एनालिटिका पर सिर्फ डाटा चुराने का ही नहीं बल्कि रिश्वत लेने का भी आरोप लग चुका है।

कई देशों में चुनाव की अहम भूमिका
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने कई देशों की चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाई है। साल 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत का श्रेय ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ को दिया गया था। वहीं 2013 और 2017 में केन्या में हुए राष्ट्रपति चुवाव भी प्रभावित हुए थे।

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