इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर का प्रारंभिक परीक्षण कर पता लगाएं। यदि इस रोग का प्रारंभिक स्टेज में ही पता लग जाता है तब इलाज कर जीवन बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि 2025 तक भारत को टी.बी. से मुक्त कराना है उसी तरह महिलाओं को कैंसर से मुक्त करने के लिए भी अभियान चलाएं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका पता इसके अंतिम स्तर तक पहुंच जाने पर चलता है और तब महिला की जीवन रक्षा कठिन हो जाती है। ये कोरोना से अधिक भयानक रोग है। उन्होंने कहा कि महिला की मृत्यु से पूरा परिवार बिखर जाता है, जिससे सर्वाधिक बच्चे प्रभावित होते हैं। राज्यपाल ने एस.जी.पी.जी.आई. द्वारा आयोजित साइकिल रैली के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर बीमारी की जागरूकता के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा आपके प्रयासों का लाभ निश्चित रूप से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मिलेगा।
एस.जी.पी.जी.आई.के निदेशक प्रो. आर.के.धीमान ने बताया कि ब्रेस्ट तथा सर्वाइकल कैंसर की जांच एवं जागरूकता के लिए मोहनलालगंज का चयन किया गया है। कार्यकर्ता डोर-टू-डोर जायेंगे और 35 से 65 वर्ष की महिलाओं का पंजीकरण कर ब्रेस्ट तथा सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाएगी ।