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लखनऊ

अब नहीं घिसेंगी हड्डियां, सीडीआरआई ने खोजी दवा

सीडीआरआई ने एक ऐसी दवा विकसित की है जो हड्डियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाएगी और उन्हें मजबूत करेगी।

लखनऊMar 01, 2018 / 06:17 pm

Laxmi Narayan Sharma

cdri lucknow
लखनऊ। सीएसआईआर की लखनऊ स्थित सीडीआरआई ने एक ऐसी दवा विकसित की है जो हड्डियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाएगी और उन्हें मजबूत करेगी। सीडीआरआई इस दवा का पेटेंट कराने की तैयारी में है। दवा की तकनीकी पिछले दिनों दवा निर्माण करने वाली कम्पनी को हस्तांतरित की गई है। अनुमान है कि आने वाले दिनों में बाजार में यह दवा उपयोग के लिए उपलब्ध होगी। औषधीय पौधे के पत्ते से विकसित इस दवा के नाम का खुलासा अभी वैज्ञानिकों ने नहीं किया है।
औषधीय पौधे से बनेगी दवा

सीडीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक नैवैद्य चट्टोपाध्याय के मुताबिक यह दवा पूरे देश में मिलने वाले एक मौसमी पत्ते से बनी है। यह पौधा मई महीने से अक्टूबर के दौरान उगता है। परीक्षण के दौरान इस पौधे में हड्डियों के लिए उपयोगी चार कम्पाउंड मिले थे। इन सभी में से एक कम्पाउंड हड्डियों के लिए काफी उपयोगी पाया गया। यह कम्पाउंड हड्डियों में पाए जाने वाले आस्टियो ब्लास्ट को मजबूत बनाता है। बीमारी, स्टेडरॉयड दवाओं के उपयोग और बढ़ती उम्र के कारण आस्टियो ब्लास्ट की क्षमता कमजोर पड़ने लगती है और इसी कारण हड्डियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं।
दवा कम्पनी से हो चुका है समझौता

दरअसल औषधीय पौधों से दवाएं विकसित करने के उद्द्येश्य से सीएसआईआर ने फाइटो फार्मास्युटिकल मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत नई दवाओं की खोज और विकास पर शोध कार्य संचालित होते हैं। इसी मिशन में चल रहे शोध कार्यों के तहत इस दवा का निर्माण किया गया है। इस दवा को आधुनिक दवाओं की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। दवा की तकनीक गुजरात की एक हर्बल प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी को सौपी गई है। कम्पनी इसके क्लिनिकल परीक्षण के लिए ड्रग कंट्रोलर के सामने आवेदन कर चुकी है।
बाजार में आने से पहले मनुष्यों पर भी होगा परीक्षण

फिलहाल इस दवा को बाजार में आने में लगभग डेढ़ से दो साल का समय लगने का अनुमान है। दावा किया जा रहा है कि दवा के बाजार में आ जाने के बाद बुजुर्गों के लिए काफी मददगार साबित होगी। बढ़ती उम्र में हड्डियों से जुडी बीमारी का सबसे अधिक सामना बुजुर्गो को ही करना पड़ता है। सीडीआरआई इस दवा का जानवरों पर परीक्षण कर चुकी है जो सफल रही है। बाजार में लाने से पहले इस दवा का मनुष्यों पर भी परीक्षण किया जाएगा।

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