नवरात्र अष्टमी कल और परसों ,कन्या पूजन मुर्हूत नवरात्र में कन्या पूजन का बहुत महत्व हैै 2 वर्ष से 10 वर्ष तक की कन्याओं के पूजन का महत्व है। 9 कन्याओं को 9 देवियों के रूप में पूजा जाता है और उनको भोग लगाकर दक्षिणा देने से देवी मां प्रसन्न होती हैै और भक्तों को वरदान देती है। सीतापुर रोड स्थित विध्यांचल देवी मन्दिर के ज्योतिषी आनन्द दुबे के अनुसार नवरात्र की अष्ठमी तिथि शुक्रवार 12 अप्रैल से दिन में 1:24 से प्रारम्भ होकर 13 अप्रैल को दिन में 11:42 तक है। अतः अष्ठमी का हवन और कन्या पूजन 13 अप्रैल को दिन में 11:42 तक और नवमी का हवन कन्या पूजन 13 अप्रैल दिन से, 14 अप्रैल को प्रातः 09:36 तक करना श्रेष्ठ है
कन्या पूजन का महत्व देवी की पूजा के बाद घर में अपनी सामर्थ के अनुसार कन्या पूजन करना चाहिए तभी जाकर व्रत सफल होता हैं। कन्या पूजन का माता की पूजा से होता हैं।