मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वायरोलाॅजी सेन्टर की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसे नेशनल इन्स्टीट्यूट आॅफ वायरोलाॅजी, पुणे की तर्ज पर विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके दृष्टिगत टेस्टिंग कार्य को पूरी क्षमता से संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि के0जी0एम0यू0, लखनऊ देश का एक मात्र संस्थान है जिसने 10 लाख आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्ट किए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री जी ने कोरोना वैक्सिनेशन के सम्बन्ध में सभी तैयारियां समय से पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि वैक्सिनेशन कार्य के लिए प्रभावी कोल्ड चेन, सुरक्षित स्टोरेज तथा सुगम ट्रांसपोर्टेशन के समस्त प्रबन्ध भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुरूप किए जाएं। उन्होंने कोरोना वैक्सिनेशन के लिए की जा रही कार्यवाही की नियमित माॅनीटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अवगत कराया गया कि कोरोना वैक्सिनेशन के प्रथम चरण के दौरान प्रदेश में 1,500 वैक्सिनेशन सेन्टर्स के 3,000 बूथ पर टीकाकरण कार्य किया जाएगा। इसके लिए 1,300 कोल्ड चेन स्थापित हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों में फायर सेफ्टी के सभी प्रबन्ध निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी एवं निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी के सम्बन्ध में की गयी व्यवस्था का सत्यापन किया जाए। यह सुनिश्चित कराया जाए कि अस्पतालों आदि में फायर सेफ्टी से सम्बन्धित उपकरण हों और इसको चलाने वाले आॅपरेटर भी उपलब्ध हों।