बिल्डरों एलडीए, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद समेत बिल्डरों की वादाखिलाफी को लेकर रेरा में शिकायतों की सं या बढ़ रही है। यह हाल तब है जबकि रेरा यानी सीएम से शिकायत, अब रेरा से उम्मीद
शुक्रवार को रेरा में आवास विकास से पीडित महिला आवंटी शिकायत करने पहुंची। बिना नाम बताए महिला ने बताया कि उन्होंने आवास विकास के हिमालयन इन्क्लेव परियोजना में लैट की बुकिंग करायी थी मगर अभी तक कब्जा नहीं मिल सका है। पति सौ फीसदी दिव्यांग हैं। ऐसे में हमें मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा है। आवास विकास से लेकर सीएम तक शिकायत की मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब रेरा में 1000 रुपए देकर शिकायत दर्ज करने की बात कही जा रही है।
प्रोजेक्ट की देरी की शिकायतें ज्यादा
आवंटी को सबसे ज्यादा दिक्कत प्रॉजेक्ट्स में देरी से होती है। अक्सर खरीदारों के पैसे को बिल्डर दूसरे प्रोजेक्ट में लगा देते हैं, जिससे पुराने प्रोजेक्ट लेट हो जाते हैं। रेरा के मुताबिक, बिल्डर्स को हर प्रॉजेक्ट के लिए अलग अकाउंट बनाना होगा। इसमें खरीदारों से मिले पैसे का 70 फीसदी हिस्सा जमा करना होगा, जिसका इस्तेमाल सिर्फ उसी प्रॉजेक्ट केलिए किया जा सकेगा। आवास विकास की देरी को लेकर महिला का कहना है कि उन्होंने आवास विकास के सचिव महेंद्र कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि ब्याज नहीं मिलेगा जबकि रेरा के नियमों के मुताबिक अगर खरीदार को समय पर पजेशन नहीं मिलता है तो खरीदार अपना पूरा पैसा ब्याज समेत वापस ले सकता है या फिर पजेशन मिलने तक हर महीने ब्याज ले सकता है।
अगर आपको बिल्डर की शिकायत करना है तो रेरा में ऑनलाइन शिकायत करनी होगी। रेरा की वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद क पलेंट में जाकर पूरी विवरण भरें। आप किसी बिल्डर के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं उसका विवरण भरें, फिर अपनी। प्रॉपर्टी से संबंधित सभी दस्तावेज भुगतान की रसीद, अनुबंध की कॉपी, लेआउट प्लान आदि को स्कैन कर डाउनलोड करना होगा। फिर भुगतान करना होगा। शिकायत पूरी तरह से ऑनलाइन दर्ज करनी होगी जबकि 1000 रुपए का शुल्क भी ऑन लाइन जमा करना होगा। अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि भुगतान के बाद आपको कंप्लेंट नंबर मिलेगा। शिकायत के बाद रेरा ईमेल व एसएमएस के माध्यम से सुनवाई की तारीख की जानकारी देगा। तय तारीख पर शिकायतकर्ता के साथ ही बिल्डर की ओर से प्रतिनिधि को भी आना होता है। रियल एस्टेट अपीलीय ट्रिब्यूनल का भी गठन किया जाएगा। अगर किसी को अथॉरिटी के किसी फैसले या आदेश पर ऐतराज हो तो वह ट्रिब्यूनल के सामने अपील दाखिल कर सकता है।