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लखनऊ

बड़ों की तुलना में जल्दी ठीक हो रहे बच्चे, 90 प्रतिशत से ज्यादा ने दी कोरोना को मात

Covid-19 Effect. पिछले वर्ष से प्रदेश में दस्तक देने वाले कोरोना वायरस (Corona Virus) से अब तक कई लोग पीड़ित हो चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने भी कोहराम मचा कर रखा है। अब तीसरी लहर के खतरे से बचाव के लिए युद्धस्तर पर तैयारी हो रही है। वहीं इन सबके बीच राहत भरी बात यह निकल कर सामने आई है कि बड़ों के मुकाबले बच्चे आसानी से इस वायरस को मात देने में सक्षम हैं।

लखनऊMay 28, 2021 / 01:16 pm

Karishma Lalwani

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लखनऊ. COVID-19 Effect. पिछले वर्ष से प्रदेश में दस्तक देने वाले कोरोना वायरस (Corona Virus) से अब तक कई लोग पीड़ित हो चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने भी कोहराम मचा कर रखा है। अब तीसरी लहर के खतरे से बचाव के लिए युद्धस्तर पर तैयारी हो रही है। वहीं इन सबके बीच राहत भरी बात यह निकल कर सामने आई है कि बड़ों के मुकाबले बच्चे आसानी से इस वायरस को मात देने में सक्षम हैं। यह बात सही है कि कोविड से बड़ों के साथ ही बच्चों को भी नुकसान है लेकिन पिछले वर्ष के अनुभव के बाद यूपी के कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर समेत अधिकतर जिलों में 18 वर्ष से कम उम्र के अधिकतर बच्चों ने कोविड को बखूबी मात दी है। इन जिलों में बच्चों को लेकर रिकवरी रेट 99.90 प्रतिशत से ज्यादा है।
स्वस्थ होकर लौटे घर

प्रयागराज के कोविड-एल अस्पताल में दूसरी लहर में पांच बच्चे संक्रमित होने के कारण भर्ती हो चुके हैं। इनमें से ढाई साल के एक बच्चे ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया था। शेष स्वस्थ होकर घर लौट आए। सबसे अधिक पीड़ित होने वाले बच्चों की उम्र 8-14 वर्ष है।
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पहली लहर में 167 बच्चे संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस वर्ष यहां के आईसीयू में अब तक 41 बच्चे भर्ती हो चुके हैं। जबकि ऑक्सीजन बेड और एनआईसीयू में 80 से ज्यादा बच्चे भर्ती हो चुके हैं। अभी जो बच्चे भर्ती हो रहे हैं उनके पेट में दर्द, डायरिया, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायत थी। पिछली लहर में ज्यादातर बच्चों को बुखार, सर्दी जुकाम और सांस लेने में तकलीफ थी।
नहीं गई किसी बच्चे की जान

कानपुर में दूसरी लहर में बच्चे और युवा बड़ी संख्या में संक्रमित हुए पर ज्यादातर बिना लक्षण वाले ही रहे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में दूसरी लहर में अब तक कुल 46 बच्चों का बाल रोग कोविड वार्ड में इलाज किया गया है। राहत की बात ये है कि दूसरी लहर में किसी भी बच्चे की जान अब तक नहीं गई। हालांकि, बच्चों में सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां देखी गई हैं। तीन नवजातों को आईसीयू में रेमडेसिविर थेरेपी दी गई। यहां बच्चों में रिकवरी रेट 100 फीसदी रहा।
पटना में हालत नाजुक

पटना जिले में कोविड से बच्चों की स्थिति को लेकर हालत नाजुक है। इस लहर में 14 साल से कम आयु के 4000 बच्चे संक्रमित हुए हैं। जिले के विभिन्न अस्पतालों में 303 बच्चे भर्ती हुए हैं। हालांकि, इस दौरान किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है। वहीं जिले में दो साल के बच्चे बहुत भी पीड़ित पाए गए हैं लेकिन उनमें संख्या 96 मात्र है।
अन्य जिलों का हाल

– लखीमपुर खीरी- सात बच्चों में संक्रमण की पुष्टि। 100 फीसदी रिकवरी।

– पीलीभीत- 501 बच्चे संक्रमित हुए। सभी स्वस्थ।

– बरेली- 1277 बच्चे संक्रमित। 319 अस्पताल में भर्ती हुए थे। 100 फीसदी रिकवरी।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव सिरोही ने इस पर कहा है कि बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता काफी मजबूत होती है। कोई भी वायरस बच्चों में काफी देरी से असर करता है। तीसरी लहर में छोटे बच्चों को लेकर चिंता वास्तव में हैं। अगर यह वायरस बच्चों के फेफडों को प्रभावित करेगा तो यह नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में बच्चोंं की रिकवरी रेट भी काफी कम होगी।
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