सपा ने मारी बाजी
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव से सबसे ज्यादा असर सीएम योगी की साख पर पड़ा है। यहां तक कि बाहुबली अतीक अहमद और कांग्रेस की जमानत भई जब्त हो गई। भाजपा ने फूलपुर लोकसभा से पहली बार जीत हासिल की थी। लेकिन अब सपा ने बाजी मार ली है। ऐसे में बीजेपी के लिए 2019 के चुनाव में खतरे की घंटी साबित हो सकती हैं।
हो सकते हैं ये 5 बड़े नुकसान
1. योगी आदित्यनाथ सीएम बनने से पहले तक सांसद और हिंदू युवा वाहिनी के अध्यक्ष थे। योगी के सीएम बनने के बाद उनका पैन इंडिया रुतबा बना। इसके बाद बीजेपी ने उनका रुतबे का इस्तेमाल कई अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार के दौरान किया था। इतना ही नहीं इसका फायदा उन्हें कई राज्यों में मिला। हाल ही में त्रिपुरा में बीजेपी की जीत के कारणों में उन्हें भी एक कारण माना गया। अगर बीजेपी गोरखपुर लोकसभा चुनाव हारती है तो बीजेपी के हिन्दुत्व के एजेंडे पर भी असर पड़ेगा।
2. योगी आदित्यनाथ सीएम पद के लिए अमित शाह की पसंद थे लेकिन पीएम मोदी उन्हें पसंद नहीं करते थे। अमित शाह ने वोटों के ध्रुवीकरण के लिए योगी की जरूरत समझी और उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री का कार्यभार सौंपा था। ऐसे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भविष्य में प्रदेश के लिए केन्द्र से सहयोग में असर पड़ सकता है।
3. इस हार से यूपी राजनीति में योगी आदित्यनाथ का कद छोटा होगा। इतना ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी भूमिका पर असर पड़ेगा। गुजरात में स्टार कैंपेनर बनाया गया। केरल में शाह की रैली के अगुवा रहे और त्रिपुरा में उनसे कैंपेन कराया गया। ऐसे में बीजेपी के आगामी कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में असर पड़ेगा।
4. गोरखपुर लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 11 रैलियां की थी। उसका असर नतीजों में नजर नहीं आया। गोरखनाथ मंदिर का इस लोकसभा सीट पर कब्जा रहा है। यहां से पिछले पांच लोकसभा चुनाव योगी आदित्यनाथ जीतते आए हैं और उससे पहले इस सीट पर उनके गुरु अवैद नाथ ?ाथ इस सीट पर दो बार से सांसद थे। यानि 28 साल से यह सीट बीजेपी के पास थी। हारने से बीजेपी का वर्चस्व खत्म हो जाएगा।
5. गोरखपुर लोकसभा चुनाव की इस जीत के साथ यूपी में भी बिहार की तर्ज पर महागठबंधन के असर देखने को मिल सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो बीजेपी का हाल बिहार के विधानसभा चुनाव नतीजों जैसा हो सकता है।