विवेक पर थी कई लोगों की जिम्मेदारी- बच्चियों के साथ-साथ विवेक के ऊपर उसकी बूढ़ी मां व उसके पैतृक शहर सुल्तानपुर निवासी हैंडीकैप भाई की भी जिम्मेदारी थी।
apple company में सेल्स मैनेजर विवेक घर में एकलौता कमाने वाला था। जाहिर तौर पर उसके निधन के बाद घर और खासतौर पर उनकी पत्नी पर जिम्मेदारियों का एक पहाड़ सा टूट गया है। सीएम से मिलकर कल्पना अपनी यहीं दशा बयां करना चाह रही थी। और आखिरकार मृत्यु के दो दिनों बाद सोमवार सुबह डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा उन्हें सीएम योगी के पास ले गए। कल्पना ने सीएम से मुलाकात कर उनके सामने सम्मानजनक परमानेंट नौकरी, एक करोड़ रुपये मुआवजा और सुरक्षा समेत कई अन्य मांगे रखीं। साथ ही दोषी पुलिस कर्मियों को फास्ट कोर्ट ट्रैक से जल्द कठोर सजा दिलाने की मांग की। सीएम योगी ने उनकी सारी परेशानी धैर्यपूर्वक सुनी और अंत में बच्चियों व विवेक का मां के लिए भी अलग से घोषणा की है।
मां और बच्चियों के लिए किया ऐलान- करीब 40 मिनट की मुलाकात के दौरान सीएम ने उन्हें हर मदद का भरोसा दिया और बच्चों व मां के लिए अलग से घोषणी भी की। इसके बाद दिनेश शर्मा के साथ विवेक के परिवार को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाया। दिनेश शर्मा ने इसके बाद मीडिया वार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई और जीवन सुरक्षित रहे, इसलिए अलग से विवेक की मां के नाम 5 लाख की एफडी और बच्चियों की पढ़ाई के लिए 5-5 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट देने की बात कही। वहीं परिवार को 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा जिसकी घोषणा रविवार को ही की जा चुकी है।पत्नी कल्पना को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही दिनेश शर्मा ने कहा कि पीड़ित परिवार ने आवास की मांग की है, जिस पर विचार किया जाएगा।
“सदमे से उबर कर अब मैं जिंदगी जी पाऊंगी”- कल्पना सीएम योगी से मुलाकात सें संतुष्ट दिखीं और उन्होंने कहा कि सीएम योगी ने मेरी हर बात सुनी है और मुझे हर मदद का आश्वासन दिया है। कल्पना ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि मुझे प्रदेश सरकार पर पूर्ण भरोसा है और आज मुख्यमंत्री से मिलने के बाद ये विश्वास और दृढ़ हो गया है। उनसे मिलने के बाद हिम्मत बंधी है कि सदमे से उबर कर अब मैं जिंदगी जी पाऊंगी।