राजाधानी में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि जज लोया की मौत के मामले में उच्च न्यायालय के फैसले ने कांग्रेस के झूठ को उजागर कर दिया है। राहुल गांधी को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने ऐसा माहौल बना दिया है जिससे देश के लोगों में नकारात्मकता उत्पन्न हो गई है। याचिका दुर्भावना से दायर की गई थी। भाजपा अध्यक्ष को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। कोर्ट से इसे नेचुरल डेथ बताया है। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की खारिज- गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बीएच लोया की मौत पर एसआईटी जांच की मांग को खारिज कर दिया। उनकी मौत की दोबारा जांच को लेकर कई बार सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं जिसपर 16 मार्च को सुनवाई पूर्ण होने के बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया दिया है।
कोर्ट ने कहा कि यह न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश है- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं के लिए कोर्ट के पास वक्त नहीं है। जज लोया की मौत बिल्कुल सामान्य थी। कोर्ट ने आगे कहा कि कहा कि आपसी मतभेद के लिए कोर्ट का सहारा ना लिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के सभी जजों पर गलत तरीके के आरोप लगाए गए हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है कि उनके साथ यात्रा कर रहे दूसरे जजों पर शक किया जाए। याचिका डालने पर कोर्ट ने कहा कि यह न्यायपालिका को बदनाम करने की साजिश है।
इस मामले की जांच कर रहे थे जस्टिस लोया-
जज बीएच लोया दरअसल सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर के मामले की जांच में लगे थे। इस दौरान उनकी मौत कथित तौर पर संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। लेकिन इस पर सियासत होने लगी और कई विपक्षी दलों इस मामले में जांच की मांग करन लगे। मामले में विशेष जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई थी, जिसे आज खारिज कर दिया गया।