ई-फाइल के उच्चाधिकारियों तक जाने और वापस सेक्शन में आने के दौरान किए गए बदलाव फाइल में तो शामिल हो जाएंगे लेकिन यह पता नहीं लग पाएगा कि बदलाव किस स्तर पर किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान यह प्रक्रिया देख चुके अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था के तहत ई-फाइल में किए गए बदलावों की जिम्मेदारी उस पर आ जाएगी, जिसने ड्राफ्टिंग की होगी।
नीचे वाला अधिकारी ऊपर वाली फाइल नहीं देख पाएगा ई-ऑफिस व्यवस्था में नीची रैंक वाला अधिकारी ऊपर के रैंक के अधिकारियों की फाइल नहीं देख पाएगा। सचिवालय प्रशासन के प्रमुख सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि यलो पेज को लेकर कर्मचारी बिना वजह आशंकित हैं। इसमें व्यवस्था की गई है कि जैसे ही ड्राफ्टिंग करने वाला अधिकारी डिजिटल हस्ताक्षर के साथ ई-फाइल को आगे बढ़ाएगा, यलो पेज अपने आप ग्रीन हो जाएगा।
ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर केंद्र सरकार द्वारा नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान के अंतर्गत एनआईसी द्वारा विकसित किया गया है। इस पूरी परियोजना में 57 करोड़ का बजट लगा है। इन विभागों में ई-आफिस व्यवस्था लागू होगी
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