20 फरवरी को आरंभ हुए तीन दिवसीय निरीक्षण दौरे में मेट्रो की सुरक्षा और यात्री केंद्रित प्रणालियों जैसे लिफ्ट, एस्केलेटर, अग्निश्मन उपकरणों और अन्य आपातकालीन तैयारियों के अलावा सिग्नलिंग एवं टेलीकॉम, इलेक्ट्रिकल और सिविल स्ट्रक्चर जैसी तमाम सुविधाओं व प्रणालियों का गहनतापूर्वक परीक्षण किया गया।
सीएमआरएस और उनकी टीम के साथ एलएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीसीएस एयरपोर्ट से मुंशीपुलिया तक मेट्रो ट्रेन चलाकर उसका स्पीड टेस्ट ट्रायल किया। ट्रायल रन के दौरान मेट्रो को 87 किमी प्रति घंटा की अधिकतम गति से दौड़ाकर और कई ब्रेकिंग परीक्षणों से गुजारकर सफलतापूर्वक माइग्रेशन परीक्षण किया गया। वायडक्ट में मोड़ पर ट्रेन के चलने के दौरान उसकी गति और झटकों की भी पड़ताल की गई।
इससे पहले, सीएमआरएस और उनकी टिम ने ऑटोमेटिक फ़ेयर कलेक्शन (एएफसी), टिकट ऑपरेटिंग मशीन (टीओएम) और टिकट वेंडिंग मशीन (टीवीएम) द्वारा ’गो स्मार्ट’ मेट्रो कार्ड को रिचार्ज करने के सिस्टम के अलावा स्टेशन कंट्रोल रूम (एससीआर) के कामकाज की भी जाँच की। उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (फेज़ 1-ए) के बैलेंस सेक्शन के पूरे खंड का ट्रैक मेजरमेंट टेस्ट भी किया गया। यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और विभिन्न घटकों एवं कामकाज से संबंधित भौतिक पहलुओं की जांच के साथ-साथ पूरे अंडरग्राउंड स्ट्रेच की वेंटिलेशन प्रणाली का भी निरीक्षण किया गया।
इस मौके पर एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक, कुमार केशव ने एलएमआरसी, जनरल कंसल्टेंट और काॅन्ट्रेक्टर्स की पूरी टिम को उनकी लगन, समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए बधाई दी और सीएमआरएस के सफलतापूर्वक निरीक्षण पर खुशी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि यह मुश्किल कार्य ईश्वर के आशीर्वाद के बिना असंभव था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर हम केंद्रित होकर मन से प्रयास करें तो कोई भी लक्ष्य हमारे लिए असंभव नहीं।